Prayagraj
इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए टकराव और आगजनी के बाद आंदोलन को हवा मिल गई है। फीसवृद्धि और छात्रसंघ की बहाली को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा था। छात्रों की नाराजगी थी कि उनकी बातों को नहीं सुना जा रहा है। उन पर मुकदमे लादे जा रहे हैं। इस बीच जब छात्रनेता विवेकानंद पाठक का सिर फटा गया। तो इस घटना ने आग में घी का काम कर दिया। इस आंदोलन के पीछे की वजह छात्रसंघ भवन के गेट पर लटका ताला भी माना जा रहा है।
कई माह से जारी है आंदोलन
सोमावर को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए पथराव और तोड़फोड़ के बाद आगजनी की वजह भी इसी को ही माना जा रहा है। छात्रसंघ बहाली और फीसवृद्धि को लेकर छात्र लगभग 4 माह से आंदोलन कर रहे हैं। दो बार उनके द्वारा आत्मदाह का प्रयास भी किया जा चुका है। कई बार कुलपति कार्यालय पर भी छात्रों ने उपद्रव किया। लेकिन उन्होंने हिंसा का सहारा नहीं लिया। छात्रों का आरोप है कि उन पर आंदोलन को दबाने के दबाव बनाया गया। दर्जनों की संख्या में मुकदमे लादे गए। कुलपति के द्वारा एक बार भी छात्रों से वार्ता नहीं की गई। यह मामला लोकसभा में भी उठा। लेकिन उस पर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया।
विवि प्रशासन पर खड़े हुए सवाल
छात्रों के द्वारा आमरण अनशन को खत्म कर उसे पूर्णकालिक अनशन में बदल दिया गया था। कई धरना-प्रदर्शनों के बीच विवि में 1 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई। इसी बीच प्रशासन की लापरवाही ने कैंपस हिंसा की चपेट आ गया। शांत बैठे छात्रों को भी अब आंदोलन का नया रास्ता मिल गया है। सुरक्षा गार्डों की पिटाई में छात्रनेता विवेकानंद पाठक का सिर फूट गया। इसके अलावा एमए के छात्र अभिषेक यादव का आरोप है कि वह फायरिंग में छर्रे लगने से घायल हुआ है। इसके अलावा हरेंद्र यादव, मंजीत पटेल, अजीत यादव, आदर्श भदौरिया, मुबस्सिर हारून, मसूद अंसारी, आकाश रावत व रविशंकर भी जख्मी हुए हैं।
सुरक्षाकर्मियों ने की थी फायरिंग
छात्रों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने उन लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसी के जवाब में उनके द्वारा पत्थरबाजी शुरू की गई। विवि के इस फैसले को लेकर ही अब सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं इस बीच उपद्रव के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग भी की। गौरतलब है कि शीतकालीन अवकाश के चलते ज्यादातर छात्र घर चले गए हैं। हालांकि जब बवाल हुआ तो छात्रावासों से छात्रों को बुलाया गया। इसके बाद तमाम छात्र दौड़ पड़े। छात्रावासों से निकलकर सड़क पर इकट्ठा छात्रों को पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंदर नहीं दाखिल होने दिया। इस बीच छात्रों को समझाने का प्रयास किया जाता रहा था। विवि के गेट पर ताला लगाने के साथ ही तमाम कार्यालयों में तैनात कर्मचारी भी अंदर दुबके नजर आए।
सुरक्षाकर्मी ने छात्रों पर दर्ज कराया मुकदमा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी प्रभाकर सिंह ने छात्र नेता विवेकानंद पाठक सहित आठ लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कर्नलगंज थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में सुरक्षाकर्मी प्रभाकर सिंह ने आरोप लगाया है कि वह सोमवार को विश्वविद्यालय यूनियन हाल पर ड्यूटी पर थे। इस दौरान विवेकानंद पाठक कुछ छात्रों के साथ पहुंचे और अंदर जाने का प्रयास करने लगे। उन्होंने यूनियन हाल का मुख्य गेट खोलने के लिए दबाव डाला। उनसे कहा गया कि मुख्य गेट खोलने का आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया है। आप छोटे गेट से अंदर जा सकते हैं। इसके बाद पाठक आक्रोशित हो गए और गाली गलौज करने के साथ मारपीट करने लगे। कई और छात्र नेता मौके पर पहुंचकर सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने लगे।
इन छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज विवेकानंद पाठक, अजय सम्राट, राहुल पटेल, अभिषेक यादव, नवनीत सिंह, हरेंद्र यादव, आयुष प्रियदर्शी, सत्यम कुशवाहा का नाम शामिल है।
पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। छात्रों को समझा दिया गया है और उन्हें आश्वासन दिया गया है, कि निष्पक्ष कार्रवाई होगी। सीसीटीवी और वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।