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Auraiya : अखिलेश यादव ने आलू किसानों की समस्याओं पर उठाया सवाल, बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

• LAST UPDATED : March 20, 2023

(Auraiya Akhilesh Yadav raised questions on the problems of potato farmers): औरैया (Auraiya) जनपद में आलू की बंपर पैदावार हुई है।

बता दे औरैया जनपद को आलू की बेल्ट मानी जाती है। लेकिन मंडी में आलू का भाव किसानों को नहीं मिल रहा है। जिस कारण किसान बेहद परेशान नजर आ रहे हैं।

इसलिए आलू किसानों को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाते हुए। यूपी सरकार को उनकी अनदेखी का आरोप लगाया है।

  • आलू बदलेगा सरकार- अखिलेश यादव
  • आलू की लागत नहीं निकाल पा रहे किसान
  • फसलों का नहीं मिल रहा वाजिब मूल्य
  • मूल्य बढ़ने के इंतजार में किसान
  • जिला उद्यान अधिकारी ने दी जानकारी

हिंदुस्तान में खेती मूल व्यवसाय माना जाता है। बहुत सारे परिवार खेती पर ही निर्भर है। उनकी फसल का मूल्य ही उनके जीवन यापन की स्थिति को तय करता है।

ऐसे में इस बार आलू की फसल तो बंपर हुई है लेकिन पैदावार में आने वाली लागत का मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

आलू बदलेगा सरकार- अखिलेश यादव

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आलू किसानों की समस्याओं को उठाते हुए ट्वीट कर लिखा कि “आलू उत्पादक किसानों की लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन आलू का भाव नहीं मिला है।

ऐसे में अबकी बार आलू बदलेगा सरकार।” वहीं सरकार ने भी आलू को लेवी के माध्यम से खरीदने की बात कही, लेकिन अभी तक कोई सेंटर नहीं खोला गया और न ही खोलने का कोई प्लान है।

बता से इसकी वजह से औरैया के किसानों की हालात बहुत ख़राब है।

आलू की लागत नहीं निकाल पा रहे किसान

औरैया , इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और फिरोजाबाद जनपद आलू की बेल्ट के रूप में जाना जाता है। यहां पर किसान आलू का उत्पादन करते हैं। इस बार आलू की फसल की बंपर पैदावार हुई है।

लेकिन मंडी में किसानों को उनके उत्पाद आलू की वाजिब मूल नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण किसान लगातार परेशान नजर आ रहे हैं। किसानों के खेतों में आलू के ढेर लगे हुए हैं तो वही मंडियों में भी आप आलू से भरे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली देख सकते हैं।

वहा लोग आलू की फसल बेचने के लिए मंडी तो पहुंच रहे हैं लेकिन उनका मूल्य काफी कम है। जिस कारण आलू किसान अपनी लागत का मूल भी नहीं निकाल पा रहे हैं।

फसलों का नहीं मिल रहा वाजिब मूल्य

बता दें कि आलू की फसल में लागत काफी आती है। खाद बीज और डीएपी के बढ़े हुए मूल्य पर किसान अपने उत्पाद आलू को उगाता है और उसे आशा यह रहती है कि उनकी यह फसल उन्हें वाजी मूल दिलाएगा।

लेकिन इस बार मंडी रेट काफी कम है। जिस कारण उन्हें अपनी लागत निकालना भी मुश्किल नजर आ रहा है। तो वही किसानों का यह भी कहना है कि वह अपनी खेती के अधिकांश हिस्से में आलू की फसल लाते हैं।

इस बार फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिलने से उन्हें जीवन यापन करने में भी खासी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।

मूल्य बढ़ने के इंतजार में किसान

हालांकि सरकार ने ₹650 प्रति कुंतल की दर से सरकारी क्रय केंद्र के माध्यम से आलू खरीदने की बात कही थी लेकिन औरैया में यह कहीं खुले हुए नजर नहीं आ रहे हैं।

किसान अपनी फसल को या तो मंडी में बेच रहा है या फिर कोल्ड स्टोरेज में आगामी कुछ दिनों में मूल्य बढ़ने के इंतजार में स्टोरेज कर रहा है। अखिलेश के ट्वीट के सवाल में किसान ने कहा यह तो वक्त पर निर्भर है कि आलू उत्पादक किसान सरकार बदलेगा या नहीं।

जिला उद्यान अधिकारी ने दी जानकारी

वहीं जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद में 14 शीतगृह सक्रिय है। जिनमे 75 फीसदी से अधिक भंडारण हो चुका है। प्रत्येक शीतगृह में उद्यान विभाग के अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे है। औरैया जनपद में सरकारी लेवी हाफेड का कोई भी सेंटर नहीं बनाया गया है। जिसमे किसान अपना आलू बेंच सकें।

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