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Ayodhya: राम मंदिर पर चंपत राय बोले- 2024 की इस तारीख को गर्भगृह में विराजमान होंगे रामलला

• LAST UPDATED : December 18, 2022

Ayodhya

इंडिया न्यूज, अयोध्या (Uttar Pradesh)। रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी बैठक हुई है। ये बैठक राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अगुवाई में हुई। इस दौरान मंदिर को सजाने के लिए किन-किन आधुनिक तकनीक का प्रयोग होगा इस पर भी मंथन हुआ। बताया गया कि राममंदिर की पहली मंजिल 10 फीट ऊंचाई तक बन गई है, इसकी कुल ऊंचाई 20 फीट होगी।

चित्रावली बनाने के लिए आइकनोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल
बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जल्द ही परकोटे का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। इसके लिए परकोटा निर्माण स्थल पर खोदाई एवं जमीन समतलीकरण का काम शुरू हो चुका है। परकोटे के अंदर और परिक्रमा मार्ग पर चित्रावली बननी है। चित्रावली बनाने के लिए आइकनोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, इस पर सहमति बन गई है। झरोखे भी तैयार होने हैं।

24 घंटे रामधुन गूंजती रहे इसकी योजना
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर की प्रकाश व्यवस्था कैसी होगी इस पर चर्चा हुई है। बताया कि मंदिर में 24 घंटे रामधुन गूंजती रहे इसकी योजना है। बिजली के तार कम दिखे और प्रकाश व्यवस्था अव्वल हो, इस पर भी मंथन हुआ। बताया कि हमारी योजना है कि मंदिर परिसर से एक बूंद पानी भी बाहर नहीं जाए, इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम भी शुरू हो चुका है।

चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह की फर्श मकराना के संगमरमर से सजेगी। मकराना के संगमरमर की आपूर्ति भी तेजी से हो रही है। मकराना का संगमरमर 35. मिमी मोटा होगा। इसमें नक्काशी भी की जाएगी जो 15 मिमी गहराई में होगी। चंपत राय ने बताया कि अप्रैल से फर्श में मकराना संगमरमर बिछाने व संगमरमर पर नक्काशी का काम शुरू हो जाने की संभावना है।

सागौन की लकड़ियों से बनेंगे दरवाजे
मंदिर के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के दरवाजे, चौखट, बाजू के निर्माण पर चर्चा हुई। इसको लेकर सहमति बन गई है कि महाराष्ट्र के टीक वुड यानि की सागौन की लकड़ियों से मंदिर के दरवाजे आदि बनाए जाएंगे। फारेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट द्वारा सागौन की लकड़ी का सुझाव दिया गया था। महाराष्ट्र के फॉरेस्ट आफिसर से बात हुई। लकड़ी का सर्वे भी किया जा चुका है। विचार हो रहा है कि दरवाजे सीधे महाराष्ट्र से ही बनकर आएं। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री सुविधा केंद्र का भी निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा।

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