India News (इंडिया न्यूज़), Ram Mandir: नवनिर्मित राम मंदिर में विराजमान रामलला के ठाठ निराले होंगे। उनकों प्रशिक्षित अर्चकों की विशेष टीम नित्य चार-साढ़े चार बजे के मध्य ब्रह्ममुहूर्त में मंत्रों के साथ जगाएगी। इसके बाद रामलला को गज दर्शन कराया जाएगा।
रामलला के हाथों रोज गोदान की परंपरा का पालन किया जाएगा। 15 से 24 जनवरी के मध्य प्रस्तावित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों के साथ राम मंदिर के रामलला की पूजा अर्चना पर विचार कर रहे है।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने देश के चुनिंदा धर्माचार्यों से गहन विचार-विमर्श के बाद रामलला के पूजन-अर्चन की व्यवस्था की गई है।कारसेवकपुरम में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के दौरान रामलला के पूजन-अर्चन के क्रम में कई अहम सुझाव सामने आए। इसके साथ यह भी बताया गया है कि रामलला का प्रतिदिन अभिषेक सरयू जल और पंचामृत से किया जाएगा। सरयू जल लाए जाने के प्रबंध पर भी विचार किया जाएगा।
यह सुझाव दिया है कि सरयू जल किसी विशेष वाहन से लाया जाए और जल के प्रति आदर की दृष्टि से उस पर छत्र-चंवर धारी परिचारक भी नियुक्त किए जाए। रामलला का अभिषेक और श्रृंगार के बाद प्रात सात-7:30 बजे के बीच रामलला का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए सुलभ होगा।
रामलला के पास मध्याह्न राजभोग भी पूरे विधि-विधान से अर्पित किया जाएगा। भोग के समय गर्भगृह पर्दा से बंद होगा और उनके पास गायकों की टोली जेवनार गायन के पदों की प्रस्तुति से रामलला की मनुहार कर रही होगी। यह समय दोपहर 12-12:30 बजे के बीच होगा। इसके उपरांत रामलला को शयन कराया जाएगा।
इसके बाद 3:30 से चार बजे के बीच रामलला को गीत-गवनई के साथ दोबारा जगाया जाएगा और उन्हें बाग में घुमने ले जाया जाएगा। दिन ढलने के बाद रामलला के दरबार की उत्सव धर्मिता शिखर पर होगी। गायक रामलला के लिए गानें गांयेगे।
रामलला को शाम को भोग चढाने और शयन कराने के लिए 9 से 10 बजे के बीच का समय रखा गया है। समझा जाता है कि अगले कुछ दिनों में ट्रस्ट रामलला की दिनचर्या को अंतिम रूप देने के साथ उसे सार्वजनिक भी करेगा।