Ayush Admission Scam
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । आयुष एडमिशन घोटाले में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने आयुर्वेद कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर एसएन सिंह, प्रभारी अधिकारी डॉक्टर उमाकांत यादव, ऑनलाइन काउंसलिंग कराने वाले कुलदीप सिंह समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन लोगों ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेज में नीट परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट में फर्जीवाड़ा करके 890 फर्जी एडमिशन किए गए थे। एसटीएफ को शुरुआती जांच में आयुर्वेद निदेशालय से ही गड़बड़ी के सबूत मिले थे।
आरोप है कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए राज्य के आयुष कॉलेजों में कम से कम 12% प्रवेश फर्जी हो सकते हैं। आयुष विभाग में हुए घोटाले के बाद योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी लेकिन सीबीआई ने अभी जांच है हैंडओवर नहीं की है।
विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ था मामला
आपराधिक साजिश (धारा 120 बी), बेईमानी (420), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी (468), धोखाधड़ी या बेईमानी से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के किसी भी दस्तावेज (471) के वास्तविक रूप में इस्तेमाल करने के आरोप तीनों पक्षों पर लगाए गए थे। उसी रात यूपी पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया था।
शिकायतकर्ता ने लगाए थे ये आरोप
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि नामित संगठनव्यक्तियों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) योग्यता के आधार पर ऑनलाइन परामर्श आयोजित करने के लिए कहा गया था। लेकिन प्रतिनिधि ने कथित तौर पर निदेशालय से प्राप्त आंकड़ों के साथ खिलवाड़ किया, जिसके कारण अयोग्य उम्मीदवारों का प्रवेश हुआ, उन्होंने आरोप लगाया।
विभागीय जांच में हुआ था मामले का खुलासा
एक विभागीय जांच से पता चला कि कई मामलों में योग्यता के प्राकृतिक क्रम का पालन नहीं किया गया था। साथ ही, कुछ मामलों में, चयनित छात्र NEET के लिए भी उपस्थित नहीं हुए थे। उनका मानना है कि कंपनी ने अपने उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए एक सिद्ध योग्यता सूची पर काम किया था।
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