Azamgarh: जनपद आजमगढ़ में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे बिजली कर्मियों की हड़ताल का असर सड़कों पर दिखने लगा है। जहां शहर की आधी आबादी में मातनपुर, बदरका पांडेयबाजार सहित दर्जनों फीडर ऐसे हैं जहां से बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है। जिसके कारण आम-जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होता दिख रहा है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से कई मोहल्लों में लोगों को पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है और लोग नलों का सहारा लेते नजर आए।
पिछली बार सरकार ने भरोसा दिया था विजली विभाग के कर्मचारियों की मांग पूरी की जाएगी। लेकिन बिजली कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगे नहीं पूरी की गई। अब एक बार फिर बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में एक बार फिर से बिजली संकट मडराने लगा है। बिजली विभाग के कर्मचारी एक बार फिर से हड़ताल पर जाने लगे है। इससे बिजली संकट मंडराने लगी है।
विद्युत विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक प्रभु नारायण प्रेमी ने कहा कि 14 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इसके लिए पूरी तरह से सरकार दोषी है। मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री के सलाहकार और एमडी के बीच समझौता भी हो चुका था पर एमडी देवराज तानाशाही रवैय्या अपना रहे हैं। लगातार कर्मचारियों को बर्खास्त कर रहे हैं। समझौते का पालन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि मजबूर होकर हड़ताल करना पड़ रहा है।
वहीं इस मामले में विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर ने बताया कि कर्मचारियों की तरफ से पहले से ही नोटिस दी गई थी। जिले में कई जगह पर तालाबंदी और लाइट बाधित होने की शिकायत हैं वहां पर लाइन चालू कराई जा रही है। इसके लिए हम पुलिस प्रशासन के साथ-साथ दूसरे लाइनमैन की मदद ले रहे हैं। हड़ताल को लेकर सरकार गंभीर है। इसके साथ ही जोनल मजिस्ट्रेट और पालिटेक्निक और आईटीआई के लोगों को भी लगाया जा रहा है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।