India News(इंडिया न्यूज़),Barabanki News: फोर्टिफाइड चावल का सेवन करने से क्या फायदे होंगे। कौन-कौन सी बीमारियां नहीं होंगी। अगर अभी भी आपके पास इसकी जानकारी का अभाव है। तो आपके लिये यह काम की खबर है। दरअसल कई लोग अभी भी इसे प्लास्टिक का चावल समझकर खाने से कतराते हैं। ऐसे में सरकार के निर्देश पर बाराबंकी जिला प्रशासन ने एक खास पहल शुरू की है। जिसके तहत लोगों को फोर्टिफाइड राइस के फायदे अलग-अलग माध्यमों से बताए जा रहे हैं। इसके लिये एक ऑडियो भी जारी किया गया है। वहीं सोशल मीडिया के साथ-साथ दूसरे तरीकों को भी सहारा लिया जा रहा है।
दरअसल मौजूदा समय में जिले के सभी साढ़े छह लाख कार्ड धारकों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इस चावल को अभी भी प्लास्टिक मानकर खाने से डर रहे हैं। जिसको देखते हुए जिले का पूर्ति विभाग में अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से कोटेदारों और लोगों जागरुक करके इसके फायदे बता रहा है। बैनर, पैंपलेट, ऑडियो, सोशल मीडिया और जिंगल समेत अन्य तरीकों से विभाग ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक कर रहा है।
इसके लिए एक ऑडियो जारी किया गया है। इसे अनाज वितरण के दौरान कोटेदारों को कार्डधारकों को सुनाना होगा। ऑडियो सभी कोटेदारों को उपलब्ध करा दिया गया है और इस पर नजर रखने का जिम्मा सभी पूर्ति निरीक्षकों को सौंपा गया है। साथ ही सभी को चेतावनी भी दी गई है कि निरीक्षण के दौरान अगर कहीं भी ऑडियो बजता नहीं मिला तो संबंधित कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रशासन की इन तमाम पहल का असर भी अब देखने को मिल रहा है। लोगों के अंदर से अब भ्रांतियां दूर हो रही हैं और लोग इसका सेवन करने लगे हैं।
कोटदार के यहां राशन लेने पहुंचे उपभोक्ता मत्तीन और शहरूल निशां ने बताया कि शुरू में तो उनके अंदर इस चावल को लेकर डर था। वह उसे प्लास्टिक का चावल मानकर निकालकर फेंक देते थे। लेकिन बाद में उन्हें इसके फायदे पता चलने शुरू हुए। तो उन्होंने खाकर उसका अनुभव भी किया। अब वह इसे खाने को लेकर दूसरों को भी जागरुक कर रहे हैं।बाराबंकी के जिला पूर्ति अधिकारी डॉ राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि इसके लिए टूटे हुए चावल के दानों को पीसकर आटा बनाया जाता है। फिर निर्धारित मानक के अनुसार पोषण क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड, जिंक तथा विटामिन बी 12 को मिलाया जाता है।इसके बाद 100 किलो चावल में एक किलो पोषणयुक्त चावल मिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि इसका सेवन करने से बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होते। शरीर में खून की कमी नहीं रहती है। स्नायु तंत्रों को मजबूत बनाने में भी यह चावल काफी सहायक है इसलिए पोषणयुक्त चावल बनाते समय इसका मांड़ नहीं निकालना चाहिए।