Basti: जनपद में एक ऐसा मामला संज्ञान में आया है जिसने गरिमा की सारी सीमाएं लांघ दी है। दरअसल यहां पर एक एसडीएम को उन्हीं के अधीनस्थ एक कर्मचारी ने ही धमका दिया और सिर्फ धमकाया ही नहीं बल्कि फोन से ही अपशब्द भी कहे। बताया जा रहा है कि लेखपाल साहब को अपने हल्के से इतनी लगाव है कि एसडीएम साहब के बार-बार कहने के बाद भी लेखपाल ने अपना चार्ज हैंडओवर नहीं किया। उल्टा एसडीएम साहब को ही धमाका डाला। इस पूरे मामले में एसडीएम के तहरीर पर पुलिस ने सम्बन्धित लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
पूरा मामला बस्ती जनपद के सदर तहसील का है। यहां पर पर डीएम प्रियंका निरंजन के आदेश पर बीते दिनों जिले में लेखपालों का ट्रांसफर किया गया था। उसी क्रम में हरैया से ट्रांसफर होकर आए लेखपाल रविचंद्र श्रीवास्तव को हल्का नंबर 22 में तैनात कर दिया गया, जहां पर पहले से ही कार्यरत लेखपाल राजेंद्र प्रसाद का ट्रांसफर हल्का नंबर 3 में कर दिया गया। लेकिन लेखपाल साहब को ये बात नागवार गुजरी और उन्होंने पहले तो जमकर राजनीति करवाई और फिर भी जब उनका काम नहीं बना तो उन्होंने एसडीएम सदर शैलेश कुमार दूबे को ही असंसदीय भाषा से नवाज दिया।
इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि एसडीएम साहब के तहरीर पर हल्का नंबर 22 के लेखपाल राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। वहीं एसडीएम शैलेश दुबे ने इस मामले को लेकर बताया कि आरोपी लेखपाल राजेंद्र प्रसाद सदर तहसील के हल्का नंबर 2 पर तैनात है जिसका स्थानांतरण हल्का नंबर 2 पर कर दिया गया। बस यही बात उसे नागवार लगी और वह अपना हल्का छोड़ने को तैयार नहीं था।
कई बार फोन करने के बाद भी वह एसडीएम के साथ भी टाल मटोल कर रहा था, इसके बाद जब उसे कड़ाई से आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा गया तो वह असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए गाली गलौज और धमकी पर उतारू हो गया। उसने फोन पर उनके साथ अभद्रता की। इस मामले में एसडीएम ने संबंधित लेखपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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