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Basti News: डीएम साहब का अजीबो गरीब फरमान, बच्चा पैदा कराओ अभियान!

• LAST UPDATED : June 15, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Basti News: डीएम साहब का अजीबो गरीब फरमान,प्रसव कराओ और वेतन पाओ,जिलाधिकारी का जिले में बना चर्चा का विषय,सीएचसी और पीएचसी पर कम प्रसव के चलते डीएम का चढ़ा पारा, रोका कई प्रभारी चिकित्साधिकारियों का वेतन। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में इन दिनों जिलाधिकारी का एक आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है।जिसमें उन्होंने जिला स्वास्थ समिति की एक बैठक बुलाई और उसकी समीक्षा की तो जिलाधिकारी की त्योरियां चढ़ गई और ऐसे सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को जमकर फटकारा जिनके अस्पताल की प्रसव संख्या का आंकड़ा बेहद ही कम है जैसे ही डीएम साहिबा के टेबल पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने सीएचसी और पीएचसी का आंकड़ा रखा वैसे ही मैडम तिलमिला गई और अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।

प्रसव का आंकड़ा आधा डीएम ने अधिकारी को लगाई क्लास

दरअसल जिलाधिकारी कार्यालय में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को बुलाया गया और उनसे उनके अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधित कार्य का पूरा ब्यौरा मांगा गया। जिलाधिकारी बैठक में पहुंची और जैसे ही एक-एक करके ब्लॉक के सभी सीएचसी और पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों अपने अस्पताल का ब्यौरा डीएम मैडम के सामने रखा। वैसे ही जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की नजरें उन सभी अस्पताल के प्रसव आंकड़े पर गई तो जिलाधकारी भड़क गई,। उन अधिकारियों की जमकर फटकार लगा दी, क्योंकि मुंडेरवा,बनकटी,बहादुरपुर,अमरौली सुमाली सीएचसी अस्पतालों में प्रसव का आंकड़ा 50 से कम था।

जिलाधकारी ने दिया वेतन रोकने का आदेश

डीएम यह देखकर तब हैरान रह गई जब मंझरिया एवं वाल्टरगंज पीएचसी पर 3 से कम प्रसव कराने का आंकड़ा पाया। इन सभी आकड़ों को देखकर डीएम प्रियंका निरंजन का पारा चढ़ गया और सीएमओ को आदेश देते हुए कहा कि इन सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों का वेतन रोक दिया जाए। जिनके अस्पताल में प्रसव कराने का आंकड़ा बेहद ही कम है। फिर क्या था बैठक में आए सभी प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डीएम मैडम के इस कड़े रुख से सभी के हाथ पांव फूल गए। उन्हें अब यह समझ में आ गया था। अब उनके निखट्टू पने से काम नहीं चलेगा। अगर वेतन पाना है तो काम तो करना ही पड़ेगा। जिलाधिकारी यहीं नहीं रुकी उन्होंने जिले में ऐसे 93 निष्क्रिय आशा कार्यकर्ताओं को चिन्हित किया था।

सीएचसी और पीएचसी चिकित्सा अधिकारी काम  में करते हैं लापरवाही

जो काम नहीं कर रही हैं, लेकिन सीएमओ ने 37 आशा कार्यकत्रियों को नोटिस दिया था जबकि डीएम इन सभी आशा बहू को हटाकर नए आशा बहुओं का चयन करने का निर्देश दिया था।जिस पर उन्होंने असंतोष जाहिर किया। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के इस शख़्त रवैये को देखकर स्वास्थ्य विभाग की बैठक में आए सभी अधिकारी सहम गए क्योंकि उन्हें पता तो चल गया था कि अब बैठने से काम नहीं चलेगा। काम करना पड़ेगा तभी मोटी रकम मिल पाएगी, क्योंकि सीएचसी और पीएचसी पर तैनात चिकित्सा अधिकारी सरकार से मोटी रकम तो लेते हैं, लेकिन प्रसव के नाम पर उन्हें गांव के अस्पताल से शहर के अस्पताल की ओर रिफर कर देते हैं। मतलब जो प्रसव उनके हाथ में रहता है। उसे भी वह करने की जहमत नहीं उठाते और उन्हें शहर के जिला अस्पताल की ओर जाने का आदेश सुना दिया जाता है। जिससे गांव के गरीब और असहाय व्यक्तियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

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