इंडिया न्यूज, वाराणसी।
Birju Maharaj had a Deep Affection for Kashi : पद्म अलंकारों से सम्मानित कथक सम्राट पं. बिरजू महाराज के निधन से एक युग का अंत हो गया है। उनके निधन की सूचना से देश के साथ ही बनारस में संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। धर्म-अध्यात्म, नृत्य एवं संगीत की नगरी काशी से उनका गहरा लगाव था। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र ने बताया कि कथक सम्राट बिरजू महाराज संकट मोचन मंदिर में 1989 से आ रहे हैं। इधर के कुछ वर्षों में तबीयत खराब होने के चलते वह अपनी बेटी सश्वति के साथ समारोह में आते थे।
पिछले साल वह संकट मोचन संगीत समारोह में आए थे तो उम्र की थकान के बावजूद चेहरे के विविध भावों और हाथों की अनूठी मुद्राओं की जीवंत प्रस्तुतियों से अपने प्रशंसकों को रिझा कर मंच पर छाए रहे। संकट मोचन में कई बार ऐसा दृश्य आया है की सामने किशन महाराज, पंडित जसराज और राजन-साजन मिश्र औ पूर्व महंत स्वर्गीय वीरभद्र मिश्र कथक सम्राट बिरजू महाराज के नृत्य कौशल को देखने के लिए बैठे रहते थे। बिरजू महाराज ने शास्त्रीय संगीत में कथक को ऊंचाई देने का काम किया। बनारस और मंदिर से बहुत लगाव था।
(Birju Maharaj had a Deep Affection for Kashi)