Lucknow
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh): सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के क्रियान्वयन सम्बन्धी दिशा-निर्देश अनुमोदित की। मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के क्रियान्वयन से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया है, कि योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री योगी अधिकृत होंगे।
मत्स्य पालकों की आर्थिक समृद्धि की अपार सम्भावनाएं
मत्स्य उत्पादन में प्रचुर बढ़ोत्तरी किये जाने तथा मछुआ समुदाय एवं मत्स्य पालकों की स्थिति में समग्र रूप से गुणात्मक विकास लाये जाने हेतु भारत सरकार द्वारा 20 मई, 2020 से प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू की गयी है। मत्स्य क्षेत्र से प्रदेश में लगभग 39 लाख मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को आजीविका प्राप्त होती है। इस क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि और मत्स्य पालकों की आर्थिक समृद्धि की अपार सम्भावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश में मत्स्य पालन के क्षेत्र में वृद्धि लाने व ग्रामीण अंचलों में आवासित स्थानीय मत्स्य पालकों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान हेतु प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के रूप में एक नवीन राज्य योजना प्रस्तावित की जा रही है।
प्रदेश में ग्राम सभा के तालाबों में मत्स्य पालन का कार्य स्थानीय मछुआरों और पट्टाधारकों द्वारा परम्परागत तरीके से किया जा रहा है। इन तालाबों की वार्षिक मत्स्य उत्पादकता मात्र 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इन तालाबों का मनरेगा कन्वर्जेन्स के माध्यम से सुधार कराकर अथवा स्वयं के संसाधन से सुधारे गये ग्राम सभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य पालन हेतु अनुदान उपलब्ध कराते हुए मत्स्य उत्पादकता को 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
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