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ChhathPuja2022: गाजीपुर में किन्नरों ने पूरा किया छठी मइया का कठिन व्रत, जानिए भगवान भास्कर से क्या मांगा?

• LAST UPDATED : October 31, 2022

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इंडिया न्यूज, गाजीपुर (Uttar Pradesh) । नहाय खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का चौथे दिन आज सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया। इस दौरान गाजीपुर जिले में आस्था की अनोखी छटा देखने को मिली। यहां किन्नरों ने छठी मइया का कठिन व्रत पूरा किया। उन्होंने कहा कि उनके गुरु भी यह व्रत करते आए हैं। अब वे इस परंपरा को निभा रहे हैं। बताया कि उन्होंने अपने यजमानों के सुख समृद्धि की कामना की है।

गुरु हुए बीमार तो चेलों ने संभाली परंपरा

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भदौरा ब्लॉक के गंगा घाट पर खास इंतजाम किया गया था। यहां किन्नरों ने खूब सज धज कर छठ पूजा में भाग लिया। छठ पूजा करने आई सोनी किन्नर ने बताया कि वे पिछले आठ साल से अपने यजमानों और उनके बच्चों की सलामती और खुशहाली के लिए छठ का व्रत रखती हैं।

यानी समाज के उन सभी लोगों के लिए, जिनके यहां वे खुशियों में शरीक होने जाते हैं और उनके पुत्रों की सलामती और खुशहाली के लिए इस कठिन व्रत – परंपरा को निभा रही हैं। ये व्रत उनके गुरु भी पहले से करते थे, जिसे अब वे करती हैं।

रोशनी किन्नर ने बताया के वे लोग हिना किन्नर की चेली हैं और उनके गुरु भी इस व्रत को बहुत पहले से करते आ रहे थे। लेकिन अब वो शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो चुके हैं। इसलिए पिछले आठ साल से अब उनकी साथी सोनी किन्नर ने इस व्रत को उठा लिया है और हम सभी उनके साथ इस महापर्व में लोक कल्याण के लिए इस महापर्व को बड़े ही श्रद्धा से मनाते हैं।

ये है छठ व्रत का आध्यात्मिक महत्व

छठ व्रत के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत के पारण का विधान है। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है। मान्यता है कि भले ही दुनिया कहती है कि जो उदय हुआ है, उसका डूबना तय है, लेकिन लोक आस्था के छठपर्व में पहले डूबते और बाद में दूसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का यही संदेश है कि जो डूबा है, उसका उदय होना भी निश्चित है, इसलिए विपरीत परिस्थितियों से घबराने के बजाय धैर्यपूर्वक अपना कर्म करते हुए अपने अच्छे दिनों के आने का इंतजार करें, निश्चित ही भगवान भास्कर की कृपा से सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वरदान मिलेगा।

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