इंडिया न्यूज, कानपुर
CSA to Prepare KVK Natural Farming Model : कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) 13 जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में प्राकृतिक खेती का मॉडल तैयार करेगा। इस मॉडल में केवीके के वैज्ञानिक किसानों को प्राकृतिक खेती के फार्मूले को समझाएंगे। खेती में प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा। इसको जैविक खेती भी कह सकते हैं। वैज्ञानिकों की तैयारियों के मुताबिक जुलाई में बारिश से पहले मॉडल केवीके में तैयार हो जाएंगे। इन मॉडल को पहले चरण में 1 एकड़ में क्या तैयार किया जाएगा जहां इनके बीजों का उत्पादन भी जैविक क्रिया के तहत ही होगा। सीएसए के डॉ. खलील खान ने बताया कि जैविक खेती करने से जमीन की उर्वरक क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होती है। (CSA to Prepare KVK Natural Farming Model)
सीएसए के प्रसार निदेशालय के प्रभारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि सभी केवीके के एक एकड़ भाग में इस मॉडल को विकसित किया जाना है। इस खेती में बीजामृत से बीज शोधन, घनामृत से बुवाई से पहले जमीन का शोधन, नीमास्त्र से कीड़ों की रोक, फंगस को रोकने के लिए खड़ी फसल में जीवामृत का छिड़काव होगा। खाद के रुप में वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग किया जाएगा। यह सभी चीजे प्रकृति से प्राप्त और गौवंश से प्राप्त संसाधनों से तैयार की जाती है। उन्होंने बताया कि केवीके की ओर से किसानों को दिए जाने वाले बीज अब उसी मॉडल वाली एक एकड़ की जमीन से तैयार किए जाएंगे।
सीएसए के अंतर्गत आने वाले 13 शोध केंद्रों में आसपास के किसानों को लाया जाएगा। उन्हें मॉडल के तौर पर 1 एकड़ में तैयार किए गए फार्मूले को समझाया जाएगा। उनके सभी प्रश्नों के उत्तर कृषि वैज्ञानिक देंगे। किसान कैसे कम लागत में सुरक्षित जैविक खेती कर सकते हैं। किसान अक्सर वैज्ञानिकों से प्राकृतिक खेती करने का मॉडल दिखाने की बात करते थे। इस मॉडल के विकसित होने के बाद किसानों को उसे निशुल्क दिखाया जाएगा।
(CSA to Prepare KVK Natural Farming Model)
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