India News UP (इंडिया न्यूज), Deoria: टीचर की मौत चार महीने पहले ही हो गई थी, फिर भी चुनाव में ड्यूटी लगाई गई। यह सामने आया कि देवरिया जिले से एक महिला टीचर की मौत के बावजूद उन्हें चुनाव में ड्यूटी दी गई थी। उनकी मौत की जानकारी को उन्होंने अपने रिकॉर्ड में अपडेट नहीं किया था।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देवरिया जिले में लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण आज मतदान का हो रहा है। मतदान के दौरान चुनाव में ड्यूटी लगाने में बड़ी लापरवाही की गई है। चुनाव में जिस टीचर की ड्यूटी लगाई गई उसकी चार महीने पहले ही मौत हो गई। इस घटना का केंद्र नगर, रामपुर के कुशहरी के उच्च प्राथमिक विद्यालय पर हुआ।
लोकसभा चुनाव को संपन्न करने के लिए विभाग के अधिकारियों ने मौत के टीचर को ड्यूटी पर लगाया था। शिक्षकों को शिक्षा उपलब्ध कराने के दौरान, महिला टीचर की अनुपस्थिति को देखकर जिम्मेदारों ने उसे उदासीनता के साथ देखा और महिला शिक्षक के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी ली।
मृतक शिक्षिका की चुनावी मतदान में ड्यूटी लगाई। अब जब शिक्षिका इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं तो वह किसी ड्यूटी पर कैसे मौजूद हो सकती है? रंजना पांडेय नामक शिक्षिका की मौत चार महीने पहले ही हो गई थी। वह चुनाव की ड्यूटी में नहीं रही तो उसके खिलाफ कानूनी कदम भी उठाए गए।
मृतक शिक्षिका रंजना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी गई। बाद में जब पुलिस जांच के लिए उनके घर पहुंची तो सामने आया कि रंजना की मौत तो चार महीने पहले ही हो चुकी है। अब ड्यूटी लगाने वाले लोगों की लापरवाही सामने आ गई। हर कोई इस लापरवाही से हैरान है।