Etah Fake Encounter
इंडिया न्यूज, गाजियाबाद (Uttar Pradesh)। गाजियाबाद की सीबीआई विशेष कोर्ट ने एटा फर्जी एनकाउंटर केस में अपना फैसला सुना दिया है। पवन सिंह समेत 5 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद हुई है। जबकि चार पुलिसकर्मियों को चार पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। मामला 2006 का है। जिस शख्स का एनकाउंटर किया गया था उसकी पत्नी ने पुलिस पर झूठे एनकाउंटर का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर पत्नी ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। जिसके बाद सीबीआई ने इस मामले की पड़ताल की और एनकाउंटर से जुड़े सभी पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया था।
सीबीआई कोर्ट ने 5 दोषियों पवन सिंह, पाल सिंह ठेनवा, राजेन्द्र प्रसाद, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है। 33 हजार का जुर्माना लगाया है। अन्य बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह अजय कुमार और अवधेश रावत को सबूत मिटाने और कॉमन इंटेंशन के तहत 5- 5 साल की सजा सुनाई है। इन पर 11 हजार का जुर्माना लगाया है।
झूठे एनकाउंटर का मामला हुआ था दर्ज
2006 में पुलिस द्वारा एक बढई को डकैत बता कर उसका एनकाउंटर किया गया था। जिसके बाद बढई राजाराम की पत्नी ने इस एनकाउंटर को झूठा कहा था। इस मामले को लेकर बढई की पत्नी ने हाईकोर्ट में मामला भी दर्ज किया था। जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर जून 2007 में सीबीआई ने भी इस मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
एक दिन पहले 9 पुलिसकर्मी हुए दोषी करार
इस मामले में सीबीआई द्वारा 10 पुलिसकर्मियों द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान 202 गवाहों की कोर्ट में पेशी हुई थी। सुनवाई के दौरान 10 में से 1 पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई है। वहीं बाकी बचे 9 पुलिसकर्मियों को सीबीआई कोर्ट ने आरोपी करार दिया था।
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