India News (इंडिया न्यूज), Gonda News: UP ATS द्वारा गिरफ्तार आतंकवादी सद्दाम शेख की पत्नी रुबीना ने बात करते हुए बड़ा खुलासा किया है। पत्नी रुबीना ने बताया कि 2005 में सद्दाम शेख सफीउल्लाह के नाम से आया था और 2008 में सफीउल्लाह के नाम से एक जमीन का बैनामा भी कराया था। सद्दाम शेख ने 2010 में हमसे शादी की थी और गांव के लोगों ने ही मेरी शादी कराई थी। बिना यहां पढ़ाई किए सद्दाम शेख ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर आठवीं की मार्कशीट भी बनवाई थी। सद्दाम शेख ने अपने आधार कार्ड में अपने पिता का नाम मुंशी मियां बताया है लेकिन मुंशी मियां यहां कोई नहीं है।
सद्दाम शेख की पत्नी रुबीना ने सवाल उठाते हुए बताया कि जब सद्दाम शेख यहां आए थे तो बता रहे थे कि हमारे माता – पिता नहीं है और हम अकेले हैं तो फिर उनके पिता मुंशी मियां कैसे हो गए। वही विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि मेरे यहां सद्दाम शेख ने कोई पढ़ाई नहीं की है। वह जो मार्कशीट लगा रहा है वह पूरी तरीके से फर्जी है। हमने अपने यहां सारे अभिलेख देख लिए हैं मेरे यहां से सद्दाम शेख ने पढ़ाई नहीं की है। सद्दाम शेख की पत्नी रुबीना ने कहा है कि सरकार को जांच करके कार्यवाही करना चाहिए क्योंकि उन्होंने हमारे साथ और देश के साथ गद्दारी की है। रुबीना सिलाई का काम करके किसी तरीके से अपने परिवार का जीवन यापन कर रही है और रुबीना के 3 बच्चे है जो घर के पास में ही स्थिति मदरसे और प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं।
वही जब करनपुरवा में स्थित मदरसे में काम करने वाले तुराब अली से बात की गई तो उसने बताया कि लालापुरवा के रहने वाला राकेश गुप्ता 2005 में सद्दाम शेख को गोंडा लेकर आया था और यह मस्जिद में नमाज पढ़ने आता था। जिससे हम लोगों की मुलाकात हुई थी। बाद में हम लोगों ने इसके व्यवहार को देखा तो अच्छा था। हम लोगों ने जमीन दिलवा दिया और हम लोगों ने ही इसकी बिरादरी की लड़की से शादी भी करवा दी। यह 20 साल की उम्र में गोंडा आया था। सद्दाम शेख के बच्चे मदरसे में 2 साल से पढ़ते हैं।
सरकार को इसमें निष्पक्ष रुप से जांच करना चाहिए अगर वह दोषी है तो उनके ऊपर कार्रवाई होना चाहिए। इन सब के अलावा लॉर्ड बुद्ध गौतम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अनिल शुक्ला ने बताया कि सद्दाम शेख ने हमारे यहां कोई पढ़ाई नहीं की है और वह हमारे यहां कक्षा आठ नहीं पड़ा है। क्योंकि हमारे विद्यालय की मान्यता 2010 में हुई है और वह 2010 के पहले की मार्कशीट लगा रहा है। हमने अपने यहां के सारे अभिलेख चेक कर लिए हैं, जो मार्कशीट वह लगा रहा है वह पूरी तरीके से फर्जी है, इसकी जांच होनी चाहिए।
20 साल की उम्र में गोंडा आया सफीउल्लाह कब सद्दाम शेख बन गया यह गोंडा की सुरक्षा एजेंसियों को नहीं पता चला और कई सालों तक गोंडा में रहते हुए आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा। UP ATS ने गिरफ्तार किया तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि गोंडा में रहने वाला सद्दाम शेख (सफीउल्लाह) आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था और 2005 में सफीउल्लाह के नाम से गोंडा आया था और 2008 में सफीउल्लाह के नाम से 5 बिस्वा जमीन का बैनामा भी कराया था। जमीन बैनामा कराने के बाद फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर सद्दाम शेख बन गया और अपने आप को मुंशी मियां का पुत्र बताने लगा।
लेकिन मुंशी मियां नाम का कोई व्यक्ति करनपुर व पठानपुरवा गांव में नहीं रहता है। अब सवाल यह उठता है कि गोंडा के खुफिया विभाग पर कि गोंडा के खुफिया विभाग को क्यों नहीं पता चला कि कोई बाहर से आकर गोंडा में रह रहा है और धीरे – धीरे फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर यहां का निवासी हो जा रहा है साथ ही साथ वह आतंकी गतिविधियों में भी शामिल है।
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