Gonda
इंडिया न्यूज, गोंडा (Uttar Pradesh) । गोंडा में शिक्षा सत्र शुरू हुए 6 महीने होने को है। लेकिन जिले के 2612 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को अभी फुल यूनिफॉर्म तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। जिले में कुल 4 लाख 22 हजार छात्र-छात्राएं परिषदीय विद्यालयों में पढ़ते हैं। इसमें से अभी तक लगभग 51 हजार बच्चों के आधार कार्ड का वेरिफिकेशन भी नहीं हो पाया है। जिससे उनके खातों में यूनिफार्म का पैसा नहीं पहुंच पाया है और अब ठंडक की शुरुआत हो गई है। स्कूली बच्चे बिना यूनिफार्म और जूते मोजे के स्कूल आने को मजबूर हैं।
फिलहाल लापरवाही के चलते जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 5 खंड शिक्षा अधिकारी पर वेतन रोकने की कार्रवाई कर दी है। लेकिन अब देखने वाली बात होती है कि कितनी जल्दी स्कूली बच्चों के आधार का वेरिफिकेशन होगा उनके खाते में पैसा जाएगा और उसके बाद उनके परिजन अपने बच्चों को स्कूल यूनिफार्म दे पाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग से महज 500 मीटर दूर कमपोजिट विद्यालय पंतनगर में यूनिफॉर्म और जूते मोजे की हकीकत खोलता यह विद्यालय है। जहां पर लगभग 300 बच्चों में से 100 बच्चों के खातों में पैसा भेजा गया है। लेकिन उनके परिजनों की लापरवाही के चलते वह पैसा खा चुके हैं। न बच्चे को यूनिफॉर्म दिए हैं न ही जूते मोजे और लगभग 200 बच्चों के खातों में पैसा तक नही गया है।
तो जब बेसिक शिक्षा विभाग से महज 500 मीटर की दूरी पर यह हाल है तो जिले के दूरदराज परिषदीय विद्यालयों में यूनिफार्म और जूते और मोजे की हकीकत का क्या होगा इसका अंदाजा लगा सकते हैं। वही कमपोजिट विद्यालय पंतनगर में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि अभी तक हमारे खाते में पैसा नहीं आया है जिसके चलते यूनिफार्म और जूते मोजे नहीं मिल पाए हैं। जैसे ही पैसा आएगा हम लोग जूता मोजा खरीद लेंगे।
शिक्षिका बोली- छात्रवृत्ति का पैसा समझ खा गए पैरेंट्स
कंपोजिट विद्यालय पंतनगर की सहायक अध्यापक नीलम ने बताया कि हमारे यहां लगभग 300 बच्चे पढ़ते हैं। जिसमें लगभग आधे बच्चों के खाते में पैसा आ गया होगा। कुछ बच्चे यूनिफार्म पहन कर आते हैं और कुछ नहीं पहन कर आते हैं। जो पैसा बच्चों के खाते में गया है उनके परिजन उसको छात्रवृत्ति समझकर खा गए हैं। अब उनके परिजन की जिम्मेदारी बनती है। कभी-कभी परिजन स्कूल में झगड़ा करने आ जाते हैं की यूनिफार्म क्यों नहीं खरीदा गया। पहले अच्छा था स्कूल के तरफ से उनको बस्ता और पूरी यूनिफॉर्म दिए जाते थे बच्चे पूरी यूनिफॉर्म में पढ़ने आते थे। अब जिस प्रकार की व्यवस्था है वह सही नहीं है। पैसा परिजन निकालकर राशन पानी में खा ले रहे हैं अब तो ड्रेस और यूनिफॉर्म की जिम्मेदारी परिजनों की है।
5 शिक्षा अधिकारियों का रोका गया वेतन
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि कार्रवाई इसलिए की गई है कि बहुत सारे बच्चे आए हैं। उनके आधार वेरीफिकेशन का काम अभी नहीं किया गया है। जहां सबसे ज्यादा पेंडेंसी थी वहां के खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की गई है। जिन बच्चों का वेरिफिकेशन हो गया है उनके खाते में पैसा दे दिया गया है। जिन बच्चों का आधार नहीं है या आधार वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है तो उनका पैसा नहीं गया है। आधार बनाने की प्रक्रिया चल रही है हमारे यहां आधार बनाने की मशीनें लिमिटेड है फिर भी आधार बनाने की प्रक्रिया चल रही है। तेजी से आधार बनाते हुए जीबीपी के माध्यम से उनके खातों में पैसा भेजा जाएगा। 5 खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोका गया है।