इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Gorakhnath Temple Attack गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हुए हमले के मामले में पकड़े गए आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने उत्तर प्रदेश एटीएस की पूछताछ में अपना गुनाह कुबूल कर लिया। उसका कहना है कि मेरे मन था कि मुसलमानों के संग गलत हो रहा है। सीएए व एनआरसी भी कर रहे हैं, हमारे साथ गलत हो रहा है। मेरे दिमाग में बस यही जस्टिफिकेशन चल रहा था। उसने कहा कि कोई काम करने के पहले आदमी उसका जस्टिफिकेशन भी तो खोजता है। कर्नाटक में भी मुसलमानों के साथ गलत हुआ। हमने सोचा कि किसी को तो करना होगा। कोई नहीं कर रहा है। तो हमने सोचा अब कर ही दो भाई।
एटीएस की जांच से खुलासा हुआ है कि आरोपी इंटरनेट के जरिए कथित तौर पर आतंक का पाठ पढ़ रहा था। मुर्तजा को लगता है कि दुनिया इस्लाम के पीछे पड़ी है और इस्लाम की दुश्मन हो गई है। ऐसे में अगर वह कुछ दुश्मनों को भी मार देगा, तो अल्लाह का प्यारा बंदा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि पहले ही बताया जा चुका है कि गोरखनाथ मंदिर प्रांगण के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमले की घटना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
जांच में जो कहानी सामने आई उसके मुताबिक पीएसी के जवानों की एसएलआर राइफल छीनकर मुर्तजा सुरक्षाकर्मियों और श्रद्धालुओं को निशाना बना सकता था। अफसरों ने जब मुर्तजा से पूछा कि वह एसएलआर राइफल चलाना जानता है, तो उसने कहा कि घर पर रखी एयर गन से उसने खूब निशाना लगाना सीखा है। मगर राइफल को लोड-अनलोड करना इंटरनेट पर ही सीखा है। मुर्तजा अहमद ने इंडो-नेपाल बॉर्डर पर ही दो बांका और चाकू खरीदे थे। रविवार दोपहर बाद वह वापस बस से गोरखपुर आया। इसके बाद मुर्तजा सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंचा और मंदिर के गेट पर ही पीएसी के जवान अनिल पासवान और गोविंद गौड़ पर हमला बोल दिया।