Gorakhpur Geeta Press
इंडिया न्यूज, गोरखपुर (Uttar Pradesh)। गोरखपुर का नाम आते ही लोगो के जुबान पर गीता प्रेस का नाम खुद खुद आ जाता है। शायद यही वजह है कि गोरखपुर आने वाला शक्स गीता प्रेस जरुर आता है। फिर चाहे वो आम हो या ख़ास। आम आदमी से लेकर राष्ट्रपति भी यहां आए बिना अपने आप को नहीं रोक पाते हैं। गीता प्रेस की पुस्तकें केवल भारत नहीं, बल्कि विदेशो में भी खूब बिकती हैं। उसका डंका बजता है।
गीता प्रेस का चल रहा शताब्दी वर्ष
इस बार यानी साल 2022 में गीता प्रेस ने एक बार फिर अपने नाम को लोगों के जुबान पर ला दिया। गीता प्रेस का ये शताब्दी वर्ष चल रहा है। ऐसे में अभी तक गीता प्रेस ने 57 करोड़ 78 लाख की पुस्तके बेच कर रिकार्ड बना दिया है। महज अक्तूबर माह तक, गीता प्रेस ने इस बार 100 करोड़ का लक्ष्य रखा है कि इस बार मार्च 2023 100 करोड़ का लक्ष्य पूरा कर लेगा। इसके पीछे की वजह गीता प्रेस ने अयोध्या काशी और उज्जैन को माना है। यानी अयोध्या का राम लला का मंदिर, काशी का विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन का कॉरिडोर। इसकी वजह से लोगो के अंदर धर्म को लेकर संस्कृति को लेकर जाग्रति की भावना जयादा उत्पन्न हुई है। जिसकी देन है, कि लोगो के अंदर अध्यात्म बढ़ा है। लोग गीता प्रेस की पुस्तके खरीद रहे है, और उसे पढ़ रहे हैं।
रामायण की प्रतियों की बढ़ी डिमांड
लाल मणि तिवारी ने बताया कि गीता प्रेस में इन दिनों में गीता प्रेस के किताबों की डिमांड इस कदर बढ़ गई। यहां पर गीता की पुस्तकें, रामायण और कल्याण की प्रतिया निकाल कर उसकी बाइंडिंग और पूरी कम्प्लीट पुस्तक बना कर तत्काल उसे ट्रक के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है। लगातार डिमांड बढती ही जा रही है। अभी तक साल 2022 में अक्तूबर माह तक 57 करोड़ 78 लाख की पुस्तके गीता प्रेस बेच चुका है, और 31 मार्च 2023 तक 100 करोड़ का लक्ष्य भी पूरा कर लेगा।
यह भी पढ़ें: डिंपल का समर्थन कर शिवपाल ने किया अपना नुकसान, जानिए क्यों बरेली के मौलाना ने दिया ये बयान