Gorakhpur
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, गोरखपुर: संपत्ति विवाद में मां और बेटे के सुसाइड करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दोनों ने जहर खा कर जीवनलीला समाप्त कर ली। इसके बाद दोनों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी डॉक्टर दोनों को नहीं बचा पाए। बता दें कि गोरखनाथ इलाके के जन प्रिय बिहार कॉलोनी का पूरा मामला है।
ये था पूरा मामला
जनप्रिय बिहार इलाके के एलआईजी 100 में सरोज देवी (55) अपने बड़े बेटे श्रीश राव और छोटे बेटे मनीष राव (28) के साथ रहती थी। कुछ माह पहले उन्होंने जनप्रिय बिहार के मकान को 69 लाख में बेच दिया। रकम को मां और बड़े बेटे के संयुक्त खाते में रखा गया था। मोहल्ले वालों के अनुसार, बड़े बेटे ने चुपके से खाते को एकला करवाने के साथ रकम निकाल कर अलग जगह मकान खरीद लिया। इसकी जानकारी होने पर मां नाराज हुई तो वह 10 नंबर को पत्नी के साथ ससुराल में जाकर रहने लगा। इस बीच कई बार मां ने छोटे बेटे के लिए रुपये की मांग की, लेकिन, बड़े बेटे ने रुपये देने से इनकार कर दिया।
सुसाइड से पहले मां ने बेटे से मांगे थे रुपए
मंगलवार को भी मां बेटे ने श्रीश को फोन कर रुपये मांगे, लेकिन उसने पैसे देने से मना कर दिया। आरोप है की श्रीश के व्यवहार से आहत मां और बेटे ने मंगलवार देर रात जहर खा लिया। जानकारी मिलने के बाद लोगों दोनों को सबसे पहले जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां से रेफर करने के बाद मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। करीब 11:30 बजे के आसपास उन्होंने दम तोड़ दिया और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद गोरखनाथ पुलिस में शव को कब्जे में ले लिया है।
करीब 6 महीने पहले जब सरोज देवी ने अपना मकान बेचा था तो खरीदने वाले ने उन्हें रहने की व्यवस्था ना होने तक उसी घर में रहने की अनुमति दे दी थी। लिहाजा वह पिछले 6 माह से अपने ही मकान में किराएदार बनकर रह रहे थे। वहीं छोटा बेटा मनीष गोडधोइया नाले के पास गाड़ी धोने की दुकान चलाता था।
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