India News (इंडिया न्यूज़), Government Teachers: यूपी के बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की अब से ट्रांसफर को लेकर मनमर्जी चल पाएगी। ट्रांसफर को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षकों को अपनी पसंद के जिले में ट्रांसफर पाने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि तबादला नीति एक प्रशासनिक निर्णय है। यह कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है।
इलाहाबाद कोर्ट ने सरकारी टीचर्स के ट्रांसफर को लेकर कहा कि चूंकि ट्रांसफर प्रक्रिया मौलिक अधिकारों में शामिल नहीं है, इसलिए कोर्ट इस मामले में सीधे तौर पर दखल नहीं दे सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक किसी मामले में मनमानी न हो, सीधे हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने कई शिक्षकों की ओर से दायर चारों याचिकाएं खारिज कर दीं। ये सभी शिक्षक प्रोन्नत होकर हेड मास्टर बन गये।
बेसिक शिक्षा परिषद ने पदोन्नति के आधार पर उनका स्थानांतरण निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षकों का तबादला ऐसे जिलों में किया जा रहा है, जहां उनके ही बैच के कई अन्य सहायक शिक्षक पहले से कार्यरत हैं। अगर उनका तबादला किया गया तो उन जिलों में असहज स्थिति पैदा हो सकती है।
सहकर्मियों के साथ मनमुटाव के कारण इन शिक्षकों के काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह याचिका बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ाने वाली श्रद्धा यादव, मिथिलेश यादव, मीनाक्षी गुप्ता और विवेक श्रीवास्तव समेत 16 शिक्षकों ने दायर की थी। कोर्ट ने चारों याचिकाएं खारिज कर दीं।
कोर्ट ने चारों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। कोर्ट ने यूपी सरकार से इस संबंध में बनाई गई नीति के नियमों को और स्पष्ट करने को भी कहा है। जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने फैसला सुनाया। यूपी सरकार ने पिछले साल 2 जून को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर की नीति जारी की थी।
शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। कई शिक्षकों का तबादला भी किया गया। कुछ का तबादला कर दिया गया, लेकिन रिहा नहीं किया गया। जिस पर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने सोलह पेज का फैसला हिंदी में दिया है।
Also Read:-