India News (इंडिया न्यूज़),Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ‘शिवलिंग’ और पूरे ‘वजूखाना’ इलाके में सर्वेक्षण की मांग की है। मस्जिद का ये इलाका 2022 से ही सील किया हुआ है। इस मामले में अक्टूबर 2022 में वाराणसी जिला न्यायाधीश ने हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के लिए दायर याचिका को मुख्य रूप से इस आधार पर खारिज कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीलिंग का आदेश दिया गया।
शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि ASI द्वारा सील किए गए इलाके को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण किया गया है और अब ये आवश्यक है कि सील किए गए क्षेत्र का भी एएसआई सर्वेक्षण किया जाए, अन्यथा सर्वेक्षण का उद्देश्य ही सफल नहीं हो पाएगा।
एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर निवेदन में कहा गया है कि वादी और सामान्य रूप से हिंदुओं को देवता के दर्शन करने और पूजा करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि शिवलिंग शिव भगवान का रूप है और इसलिए हिंदुओं और भगवान शिव के भक्तों के लिए पूजा की वस्तु है। साथ ही ये भी कहा गया कि इस मामले में सच्चाई स्थापित करने के लिए कि चाहे जो वस्तु मिली हो, वह शिवलिंग हो या कोई फव्वारा, एएसआई द्वारा पूरे सील किए गए इलाके का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाना जरूरी है।
मुस्लिम पक्ष के आवेदन में कहा गया है कि न्याय के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एएसआई को पूरे सील क्षेत्र और शिवलिंग में एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया जा सकता है कि क्या वह फव्वारा है या नहीं। समुदाय विशेष के लोगों का दावा है कि मई 2022 में वीडियोग्राफिक सर्वे के दौरान मिली वस्तु शिवलिंग नहीं, बल्कि वजूखाने के फव्वारे का ढांचा है। हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जिला अदालत के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के बाद हिंदू मंदिर के सबूत पाए।
वरिष्ठ अदालत ने 16 जनवरी को जिला प्रशासन से सीलबंद क्षेत्र की सफाई की निगरानी करने के लिए कहा था,जब हिंदू पक्ष ने एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि मरी हुई मछलियों की मौजूदगी के कारण पानी की टंकी से बदबू आ रही है। इस याचिका में कहा गया था, “क्योंकि वहां एक शिवलिंग है, जो हिंदुओं के लिए पवित्र है, इसे सभी गंदगी, मरे जानवरों आदि से पूरी तरह दूर रखा जाना चाहिए और यह साफ स्थिति में होना चाहिए। ये इस समय मरी हुई मछलियों के बीच में हैं, जिसके कारण भगवान शिव के श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं।”
ALSO READ: