India News UP (इंडिया न्यूज़),Health Tips: आज के समय में पूरी दुनिया के लोगों को स्वस्थ्य रहना है कुछ भी कर रहे है। इसके लिए लोग किसी भी जानवर का मांस भी खा ले रहे है। ऐसे में हमारे पौराणिक काल में लिखे औषधियों के राजा संजीवनी को लेकर लोगों के अंदर कोई न कोई मिथ्या है। ऐसे में सामने आया है कि औषधियों संजीवनी की पहचान लोगों को हो गई है ? लेकिन ये कितना सही है इस लेख में हम आपको सब कुछ बातएंगे। वैसे तो मिली ये औषधि रोगियों के लिए किसी अमृत से कही ज्यादे है।
यह औषधि मानव जीवन के लिए बहुत लाभकारी है। इस औषधि को विषमुष्टि के नाम से जाना जाता है। यह अनेक रोगों में अनेक प्रकार से प्रयोग की जाने वाली लाभकारी औषधि है। सात साल के अनुभव वाली राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल, नगर बलिया की मेडिकल ऑफिसर (एमडी, पीएचडी इन मेडिसिन) डॉ. प्रियंका सिंह बता रही हैं इस दवा के फायदे।
यह औषधि कई रोगों में बहुत लाभकारी है। जैसे छाले, पसीना या त्वचा में जलन, कब्ज, पेट दर्द, गैस, उल्टी, कैंसर, मिर्गी, सर्दी, बुखार, खांसी, गठिया, सीने में सिकुड़न, मधुमेह, दंत रोग, मसूड़ों का संक्रमण, मसूड़ों का दर्द, त्वचा में यह बहुत फायदेमंद है। कई बीमारियाँ जैसे रोग, सूजन और फोड़े।
वैसे तो दुनिया में सभी को कोई न कोई बीमारी है। सभी दवा के भरोसे जीवन जीने की कोशिश कर रहे है। विषमुष्टि के पत्तों का काढ़ा पीने से सर्दी, खांसी और दस्त जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं। इस औषधि के पत्तों या तने का काढ़ा बनाकर लगाने से पुराने से पुराना घाव भी ठीक हो जाता है। इसकी पत्तियों को उबालकर उससे कुल्ला करने से मुंह और दांतों की समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अलावा सांसों की दुर्गंध भी बंद हो जाती है।
कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों में भी इसकी गतिविधियां पहचानी गई हैं। मिर्गी की बीमारी होने पर इसकी पत्तियों का रस नाक में डालने से तुरंत राहत मिलती है। चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने आगे कहा कि सभी जड़ी-बूटियों के अपने अलग-अलग दुष्प्रभाव होते हैं, इसलिए बेहतर लाभ पाने के लिए इनका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करें। क्योंकि, उम्र और बीमारी के अनुसार इसकी सही खुराक केवल एक डॉक्टर ही निर्धारित कर सकता है।
इस औषधि के उपयोग से बड़ी-बड़ी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। इस औषधि के तना, जड़, फूल और पत्तियां सभी अलग – अलग रोगों से मुख्ती दिलवाएगा।
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