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High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized : मऊ जिला अदालत की न्यायाधीश को खुली अदालत में अपशब्द

• LAST UPDATED : March 5, 2022
इंडिया न्यूज, इलाहाबाद ।

High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ जिला अदालत की न्यायाधीश को खुली अदालत में अपशब्द कहने के मामले में अधिवक्ता को राहत दे दी है। हालांकि, हाईकोर्ट ने अधिवक्ता पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि जुर्माने की रकम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मऊ के समक्ष जमा करनी होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। (High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized)

कोर्ट ने यह भी कहा कि न्यायाधीश की अवमानना करने वाले अधिवक्ता को उनके आचरण और व्यवहार के संबंध में दो साल की अवधि के लिए निगरानी में रखा जाएगा। इससे पहले अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष अपने द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर बिना शर्त माफी मांगी।

कोर्ट ने कहा, एक वरिष्ठ अधिवक्ता से ऐसी उम्मीद नहीं  (High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized)

अधिवक्ता पर आरोप था कि उन्होंने  मार्च 2019 में फैमिली कोर्ट की महिला न्यायाधीश के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। हाईकोर्ट अधिवक्ता पर अदालत का अपमान करने, अदालत के अधिकार को कम करने की कोशिश करने और न्यायिक कार्यवाही में बाधा डालने पर विचार कर रहा था। अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दया की गुहार लगाई और भविष्य में अच्छे और उचित आचरण का आश्वासन दिया। कोर्ट ने कहा कि उनका आचरण प्रैक्टिस अधिवक्ता के लिए अशोभनीय था। विशेष रूप से जब वह बार के पूर्व अध्यक्ष थे और वे 32 साल पेशे से जुड़े रहे हैं।

 

छह महीने तक प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी (High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized)

कोर्ट ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिवक्ता से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह अदालत में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करें, जो अनुशासन को गंभीर रूप से कमजोर करता है। कोर्ट ने कहा कि अगर अधिवक्ता दो हजार रुपये जमा नहीं करते हैं तो उनके अदालत परिसर में छह महीने तक प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी।
(High Court Imposed a Fine of two Thousand Rupees, the Advocate Apologized)
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