इंडिया न्यूज, शाहजहांपुर :
शाहजहांपुर में एक स्कूल रिक्शा चालक ने विपरीत परिस्थितियों के बाद भी ईमानदारी की मिशाल दी है, जो शहर में चर्चा का विषय बनी है। रिक्शा चालक को नोटों से भरा बैग मिला लेकिन उसका ईमान नहीं डोला। उसने रुपये के मालिक का पता कर उसे वापस लौटाया तो उसकी हर ओर चर्चा होने लगी।
अली जई मोहल्ले के रहने वाले लाइक अहमद उर्फ लल्लू शहर के कान्वेंट स्कूल में रिक्शे के जरिए बच्चों को लाने और ले जाने का काम करते हैं। लईक अहमद जब रिक्शे से बच्चों को घर छोड़ने जा रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें एक फैला पड़ा हुआ मिला। उन्होंने थैला खोलकर देखा तो उसमें नोटों की गड्डियां भरी हुई थी, लेकिन नोटों की गड्डी नई की ईमानदारी को नहीं डगमगा पाई। लाइक अहमद ने नोटों से भरा बैग स्कूल मालिक को सौंप दिया और उनसे रुपये को असली मालिक तक पहुंचाने की अपील की।
स्कूल मालिक ने पैसे मिलने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। अगले दिन कृष्ण गोपाल भारद्वाज नाम के व्यक्ति ने बताया कि वह रिटायर कर्मचारी हैं और उनका 14 हजार नकद और तीन हजार के कूपन बैग में रखे हुए थे, जो गिर गए थे। सही जानकारी देने पर स्कूल मालिक ने उनका खोया बैग लौटा दिया।
रिक्शा चालक लाइक अहमद को महीने भर में कमाने के बाद महज चार हजार रुपये मिलते है। इसके बाद भी हजारों की रकम देखने के बाद भी उनका यह ईमान नहीं डोला। उनका कहना है कि ईमानदारी से बढ़कर इंसान के लिए कोई दूसरी दौलत नहीं है। फिलहाल रिक्शा चालक ईमानदारी की हर तरफ सराहना हो रही है और लोगों से सम्मानित कर रहे हैं।
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