इंडिया न्यूज, कानपुर :
कानपुर हरबंश मोहाल थाना क्षेत्र में लगभग एक महीने पहले डेढ़ महीने की बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया था। इसे पुलिस अभी तक नहीं ढू़ढ पाई है। वहीं, मासूम बच्ची की मांग ने दरोगा पर खोजने के लिए 50 हजार की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। पुलिस अफसरों ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
मूलरूप से उन्नाव निवासी शांति देवी ने बताया कि तीन अप्रैल को वह गाजीपुर से ट्रेन से कानपुर आ रही थीं। उनके साथ उनकी डेढ़ महीने की बेटी सृष्टि भी थी। ट्रेन में बातचीत करते करते एक महिला से दोस्ती हो गई। वह महिला साथ में कानपुर सेंट्रल पर उतरी। फिर खाना खिलाने के लिए एक होटल में ले गई। खाना खाते वक्त अचानक से वो महिला बच्ची को लेकर चली गई।
पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन अब तक उसकी खोजबीन शुरू नहीं की। सोमवार को शांति देवी व उनके पति राम किशोर ने बताया कि दरोगा ने उनसे बच्ची की तलाश के लिए बिहार जाने की बात कही। जब उन्होंने कहा कि किसी तरह से भी बच्ची को खोज लाएं, तो दरोगा ने उनसे 50 हजार रुपये की मांग की।
परिजनों ने बताया कि बच्ची के अपहरण होने के तुरंत बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया था। शिकायती पत्र भी दिया था। मगर पुलिस ने एक न सुनी थी। कई बार थाने चौकी के चक्कर काटने के बाद हरबंश मोहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर खानापूर्ति कर ली थी। पूरे मामले में हरबंश मोहाल थानेदार भी सवालों के घेरे में हैं। अगर उनके थाने में गंभीर मामला दर्ज हुआ, तो उसमें कार्रवाई की जिम्मेदारी उनकी भी है।
पीड़ित परिजनों के पास होटल का सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध है। इसमें महिला बच्ची को ले जाते हुए दिख रही है। इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बच्ची की तलाश के लिए टीम लगा दी गई है। जल्द उसकी खोजबीन कर ली जाएगी। दरोगा पर लगे आरोपों की भी जांच कलक्टरगंज एसीपी से कराई जा रही है। आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
-आनंद प्रकाश तिवारी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर।
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