इंडिया न्यूज, कानपुर (UP Police) : शासन ने कानपुर के कोतवाली थाने में तैनात दरोगा नागेंद्र सिंह यादव को जबरन सेवानिवृत्त दिया है। दरोगा ने पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ टिप्पणी की थी। रिटायरमेंट के साथ ही दरोगा को तीन माह का समय दिया गया है। इससे कि वह अपना वेतन और अन्य भत्तों को निकाल सकें। वहीं दूसरी ओर दरोगा ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए कोर्ट जाने की बात कही है।
पुलिस की कार्यप्रणाली और आचरण दोनों पर ही शासन सख्त है। सरकार के गठन के बाद ही मुख्यमंत्री की तरफ से आदेश जारी हुआ था कि ऐसे पुलिस कर्मी जो अनुशासनहीनता की सारी हदें पार कर चुके हैं और उनकी उम्र 50 साल या उससे अधिक है, तो उनकी सूची तैयार कर अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाए। पूरे प्रदेश में ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची बनना शुरू हुई। इसी क्रम में कोतवाली में तैनात दरोगा नागेंद्र सिंह यादव के ऊपर भी इसी आदेश के तहत गाज गिर गई।
10 साल में उसे तीन बार परनिंदा लेख से दंडित किया गया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में उसे दोषी पाया गया। अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर फोन मिलाकर उसने अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया। उससे भी बड़ा वह शराब पीकर ड्यूटी पर आना था। मेडिकल परीक्षण कराने के पर एल्कोहल की पुष्टि हुई। साथ ही वह मनमाने ढंग से आॅफिस से अनुपस्थित रहा है। इन सब बिंदुओं को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एडिश्नल सीपी हेडक्वाटर आनंद कुलकर्णी को सौंपी।
कमेटी ने अपनी जांच में दावा किया है कि दरोगा नरेंद्र सिंह यादव बिना सूचना अनुपस्थित होकर वह एक राजनैतिक पार्टी की रैलियों और कार्यक्रम में शामिल होते हैं। साथ ही वह के विभागीय कार्य में रुचि भी नहीं लेते थे।
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