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Kanpur: कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई थी भर्ती 

• LAST UPDATED : December 15, 2022

Kanpur

इंडिया न्यूज, कानपुर (Uttar Pradesh)। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। सीबीआई के द्वारा इस मामले की कारवाही की जा रही है। कार्यवाही के दौरान सीबीआई ने 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं मेल की जांच पड़ताल अभी जारी है।

यह है मामला 
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2016 के दौरान हुई सेना भर्ती रैली मामले में 34 लोगों ने फर्जी दस्तावेज देकर परीक्षा पास कर ली थी। यह सब रिश्वत देकर किया गया था। इसमें बिचौलिए भी शामिल थे। इतना ही नहीं बल्कि इसमें से 30 लोगों ने ज्वाइन कर ट्रेनिंग भी हासिल कर ली है। अब मामला सामने आने के बाद सीबीआई कार्यवाही में जुटी है और मामले के नामजद 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 40 आरोपियों में 34 लोग फर्जी दस्तावेज देने वाले,  बिचौलिए एवं कार्यालय में तैनात रहे रिश्वत लेने वाला हवलदार गिरीश शामिल है। हवलदार ने अपना गुनाह भी कुबूल कर लाया है। दरअसल, कानपुर छावनी में 3 अगस्त 2016 से 16 अगस्त 2016 के बीच उन अभ्यार्तिओं को भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर जिले के गैर निवासियों की भी भर्ती कर ली गई थी।

एसटीएफ की सूचना पर हो रही कार्यवाही 
सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने 12 दिसम्बर 2017 में मामले के जांच की शुरुआत की थी। एसटीएफ की सूचना के आधार पर सीबीआई लखनऊ कैंट स्थित मध्य कमान सेना के भर्ती मुख्यालय के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। वहीं अब सीबीआई हमीरपुर में पूछताछ कर रही है और लगातार लेखपाल ,ग्राम प्रधान और सभासदों को तलब कर रही है। पूछताछ के जरिए जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर ये निवास प्रमाणपत्र जारी कैसे हुए थे।

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