Kanpur
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक और पाठक के गुर्गे अजय मिश्रा के खिलाफ इंदिरानगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पाठक पर कमीशन लेने, रंगदारी मांगने, धमकी और गाली गलौज, भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में एफआइआर हुई दर्ज हुई है। वहीं अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
कुलपति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। एक निजी कंपनी के निदेशक ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में शनिवार को प्रोफेस्सरो विनय पाठक समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लेने का आरोप
आरोप है कि डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति रहने के दौरान प्रो विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया। जिसके बाद इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है. एसटीएफ ने इस मामले में एक निजी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दरअसल, कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने इंदिरानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी प्रोफेसर विनय पाठक ने बकाया भुगतान के लिए 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की।
आईसीटी कंपनी के मालिक के नाम पर ली कमीशन
कमीशन न देने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी भी दी। डेविड का आरोप है कि कुलपति ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से कमीशन ली। डेविड का कहना है कि उन्होंने अजय मिश्रा को अब तक 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है।
डेविड का यह भी आरोप है कि वर्ष 2022-23 का अनुबंध करवाने की एवज में और कमीशन की मांग की गई। मांग पूरी न करने पर यूनिवर्सिटी का काम अजय मिश्रा को दे दिया गया। हालांकि इस मामले में अभी तक कुलपति प्रो विनय पाठक की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।