Kanpur Vinay Pathak Case
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। अब शिक्षक संघ उनको हटाने के लिए एकजुट होने लगे हैं। संघ के नेताओं ने कुलपति को पदमुक्त करने को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ईमेल के जरिए पत्र भेजा है। साथ ही विश्वविद्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों को नीतिगत निर्णय लेने में आ रही समस्याओं से भी अवगत कराया।
पत्र में लिखी ये बात
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने रविवार को कुलाधिपति को भेजे पत्र में लिखा कि कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक करीब एक माह से विश्वविद्यालय नहीं आ रहे हैं। इससे विश्वविद्यालय में नीतिगत निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय परिसर में पढ़ने वाले करीब छह लाख विद्यार्थियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में कुलपति के पद पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
छात्रों की फीस में मनमानी बढ़ोतरी करने का आरोप
विश्वविद्यालय बचाओ, विनय पाठक हटाओ मोर्चा के संयोजक संतोष द्विवेदी ने कुलपति विनय पाठक पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने कार्यकालय में महाविद्यालय के कर्मचारियों को मिलने वाले परीक्षा पारिश्रमिक में कटौती की और छात्रों की फीस में मनमानी बढ़ोतरी की गई। डिजिटल मूल्यांकन में गड़बड़ी का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
कुलपति के विरोध में धरना देने का ऐलान
कुलपति पाठक को पद से अविलंब हटाने के लिए सोमवार को फूलबाग स्थित गणेश उद्यान में धरना देंगे। कानपुर विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के महामंत्री डा. अखंड प्रताप सिंह ने कुलपति प्रो. विनय पाठक द्वारा नियुक्त किए गए शिक्षकों को मनचाहा वेतन दिए जाने और पहले से कार्यरत स्ववित्तपोषित शिक्षकों को मानसिक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों के वेतन में पिछले दो साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई और जो भी शिक्षक कार्य कर रहे हैं, वह उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश के माध्यम से विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।