इंडिया न्यूज, लखनऊ:
KGMU Experts Claim चिकित्सीय नजरिए से एक सुखद खबर सामने आई है। केजीएमयू के एक्सपर्ट का दावा है कि फाइलेरिया की दवा एनीमिया में भी कारगर साबित होगी। उल्लेखनीय है कि इन दिनों यूपी में फाइलेरिया के खात्मे के लिए उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है।
इसमें उपयोग होने वाली दवाओं में एक दवा का उपयोग एनीमिया को खत्म करने के लिए भी किया जा सकता है। फाइलेरिया में दी जाने वाली एल्बेंडाजोल दवा एनीमिया के मरीजों को भी फायदा पहुंचा सकता है। केजीएमयू के क्वीन मेरी स्त्री और प्रसूति रोग विभाग की अधीक्षक डा. जैसवार ने बताया कि प्रदेश में एनीमिया से ग्रसित महिलाओं की संख्या 50 से 52 प्रतिशत तक है।
पोषक आहार न मिलने से उनमें खून की कमी हो जाती है। अगर पेट में कीड़ें हैं तो भोजन का उपयोग कीड़े करने लगते हैं। इससे महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों का अभाव हो जाता है और शरीर भी कुपोषित हो जाता है। इससे बचाव में कीड़े मारने की दवा एलबिंडाजोल खाई जा सकती है। इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं और पाचन तंत्र और सेहत सुधर जाती है। इस लिए फाइलेरिया की दवा का सेवन अवश्य करना चाहिये। इससे आप फाइलेरिया से भी बचेंगे और एनीमिया भी नहीं होगा।
केजीएमयू के बाल रोग विभाग की एसो. प्रो. डॉ. शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों के पेट में कीड़ें हो जाते हैं उसके लिए उन्हें साल में एक-दो बार एलबिंडाजोल खिलाना चाहिये। हालांकि दो साल से कम उम्र के बच्चों को ये दवा नहीं खिलानी चाहिए।
फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी डॉ. सुदेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया का मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान 22 नवंबर से 7 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। इसमें आशा और एएनएम घर घर जा कर लोगों को अपने सामने दवा खिला रही हैं। उन्होंने बताया कि यह दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवतियों व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी हैं।