इंडिया न्यूज, गोरखपुर।
Khichdi Fair of Gorakhnath Temple : गुरू गोरखनाथ की पवित्र धरती गोरखपुर में तीन दिवसीय खिचड़ी मेला में आने वाले श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी है। कुछ दिनों तक यहां उमड़ने वाली श्रद्धा और भक्ति में समरस भाव की झलक दिखेगी। यह आस्था का सैलाब न सिर्फ पूर्वांचल का है। बल्कि सीमावर्ती प्रदेशों के साथ मित्र देश नेपाल का भी है। गोरखनाथ मंदिर और वहां का खिचड़ी पर्व, दोनों ही पूरी दुनिया में मशहूर हैं। त्रेतायुग से जारी बाबा गोरखनाथ को मकर संक्रांति की तिथि पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा की सूत्रधार गोरक्षपीठ ही है। (Khichdi Fair of Gorakhnath Temple)
बाबा का परिसर सामाजिक समरसता का ऐसा केंद्र है जहां सभी भेद समाप्त नजर आते हैं। इस परिसर में कारोबारी गतिविधियों से अनेक लोगों का परिवार पलता है, जितने सनातनी तकरीबन उतने ही परिवार मुस्लिम समाज के। मंदिर परिसर में करीब माह भर तक लगने वाला खिचड़ी मेला भी जाति-धर्म के बंटवारे से इतर हजारों लोगों की आजीविका का माध्यम बनता है।
हर साल की भांति मकर संक्रांति को लेकर गोरखनाथ मंदिर में शिवावतारी बाबा को खिचड़ी चढ़ाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिर की सतरंगी छटा देखते ही बन रही है तो समूचा मेला परिसर सजी धजी दुकानों से उल्लसित है। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि इस साल बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी शनिवार को चढ़ाई जाएगी। इस वर्ष शुक्रवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। (Khichdi Fair of Gorakhnath Temple)
इसलिए इस वर्ष मकर संक्रान्ति का महापर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी, शनिवार को मनाया जायेगा। इस दिन उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाएंगे। सबसे पहले गोरक्षपीठकी तरफ से पीठाधीश्वर खिचड़ी चढ़ाएंगे। ततपश्चात नेपाल नरेश के परिवार की ओर से आई खिचड़ी बाबा को चढ़ेगी। इसके बाद जनसामान्य की आस्था खिचड़ी के रूप में निवेदित होगी।
गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति (खिचड़ी) के सभी अनुष्ठान कोविड प्रोटोकॉल वे तहत होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए यहां में मास्क एवं सैनेटाईजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मंदिर प्रबंधन एवं प्रशासन की तरफ से लगातार यह अपील भी की जा रही है कि श्रद्धालु मास्क पहनकर आएं और साथ ही शासन द्वारा तय कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें। मंदिर एवं मेला परिसर को पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र घोषित कर पर्यावरण संरक्षण का भी ख्याल रखा गया है। (Khichdi Fair of Gorakhnath Temple)
लोगों से अपील की गई है कि वे बाबा को चढ़ाने के लिए खिचड़ी (चावल, उड़द दाल आदि) व अन्य कोई भी प्रसाद पॉलिथीन में रखकर न लाएं। इसके अलावा शीतलहर को देखते हुए दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के रूकने की व्यवस्था मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है। परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की आवश्यक सुविधाओं के साथ सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
(Khichdi Fair of Gorakhnath Temple)
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