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Live-In-Relationship: हाई कोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर कही बड़ी बात, अधिकारों की सुरक्षा है सरकार का दायित्व

• LAST UPDATED : December 31, 2022

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इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh)। लिवइन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इलाहबाद हाईकोर्ट के अनुसार लिवइन में रह बालिग़ जोड़ों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है। हाई कोर्ट ने लिवइन रेलशन को जायज करार दिया है। है कोर्ट के अनुसार बालिग व्यक्ति को उसका मनचाहा जीवनसाथी चुनने का पूरा हक़ होता है। ऐसे में उन्हें पूरा अधिकार है कि वह अपने मनचाहे व्यक्ति के साथ रह सकते हैं, और उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। यही बातें हाई कोर्ट नने एक मामले की सुनवाई करने के दौरान कही।

यह था मामला
मामला जौनपुर का था जहां एक लड़की गायब हो गई थी। लड़की के पिता ने इसके बाद थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया था। मगर महिला अपने मनचाहे व्यक्ति के साथ रह रही थी, जिसके बाद लड़की ने अपने लिवइन पॉर्टनर के साथ मामले को लेकर हाई कोर्ट में हलफनामा दिया था। लड़की का कहना था कि वह दोनों बालिग हैं और अपने मर्जी से एक दूसरे के साथ रहते हैं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुइल कुमार और न्याय मूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ के द्वारा की गई। हाईकोर्ट ने लड़की के हक़ में फैसला सुनाया। साथ ही लिवइन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े के खिलाफ बलिया के नरही थाने में दर्ज मामले को भी हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है।

अधिकारों की सुरक्षा है सरकार का दायित्व
हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा है कि लिवइन रिलेशनशिप जायज है और बालिग़ अपनी मर्जी से किसी के साथ भी रह सकता है। कोर्ट ने कहा कि लिवइन पार्ट्नर्स के बिच कोई प्राधिकारी और व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इन लिवइन पार्टनर्स के अधिकारों की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है।

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