Lucknow
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 21 साल का युवक जयदीप ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। युवक ने 3 पन्नों के सुसाइड नोट में अपनी मौत की वजहों की पूरी कहानी लिखा है। मृतक जयदीप से बरामद तीन पन्नों के सुसाइड नोट में उसने जवाहरलाल नेहरू कौशल विकास केंद्र के ट्रेनर और सीनियर्स पर शारीरिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। मृतक जयदीप के पिता संत कुमार यादव ने सुसाइड नोट के आधार पर जवाहरलाल नेहरू युवा कौशल केंद्र के ट्रेनर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस के अनुसार, मृतक जयदीप जवाहरलाल नेहरू कौशल विकास केंद्र में सीएनजी किट फिटर की ट्रेनिंग करता था। छात्र ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है, कि उसके साथ ट्रेनिंग सेंटर में मारपीट होती थी और उसे प्रताड़ित किया जाता था। मृतक के बड़े भाई ने जयदीप के यौन शोषण की आशंका जताई है। उनका कहना है कि उनका छोटा भाई कई दिनों से परेशान चल रहा था।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद दर्ज हुआ केस
परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि पुलिस मुकदमा लिखने में देरी कर रही थी। पुलिस के टालमटोल करने के बाद सीएम हेल्पलाइन 1076 पर शिकायत करने के बाद मुकदमा लिखा गया। इंदिरा नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
सुसाइड नोट में क्या कुछ लिखा मृतक जयदीप
ऊं नम: शिवाय… मैं अपने पूरे होशो हवास में अपनी बात लिख रहा हूं, कि पिछले कई दिनों से मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। वहां के सीनियर कुछ नहीं करते, मुझे पागल बनाने की कोशिश की जाती है। मुझे बेवकूफ मूर्ख भी कहा जाता है। उस दिन मुझे पहले कुछ बुरे और नशेड़ी, गंजेड़ी, शराबी लड़कों ने बिना बात के ही मारना-पीटना शुरू कर दिया। जब मैंने अपने बचाव में उनसे लड़ने लगा तभी टाइम सेंटर के स्टाफ और हेड ने मिलकर मुझे एक रूम में बंद कर मुझे डराने-धमकाने लगे। मुझे मारने की धमकी देने लगे और कहने लगे कि तुम यहां से चलकर नहीं जा पाओगे। मुझे पागल साबित कर पागलखाना भेजने की धमकी दे रहे थे। जेल भेजने की धमकी दे रहे थे।
अपशब्द बोलकर करते थे जलील
टीचर भी कुछ नहीं कहते है। उनके साथ खाते-पीते और घूमते थे। वही लड़के उन्हें अच्छे लगते थे। उनके सामने गलत हो रहा तो भी वो देखकर कुछ नहीं कहते। गंदी-गंदी गालियां देते थे। कुत्ता-कमीना कहकर जलील करते थे। वह हर बात पर सिर्फ हंसते थे और मजा लेते थे। हां, मुझे वह अच्छे लगते हैं और मैं उनकी इज्जत करता था, लेकिन उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं थी। मुझे लगता था कि यह कैसा टीचर है जो क्लास में बैठे हैं, वह गलत और जिनके साथ घूम टहल रहे हैं वे सही हैं। उनकी नजरों में केवल वही सही चाहे कुछ भी हो और उनका नाम मेरे प्यारे मिस्टर राजेंद्र सिंह ठाकुर जी है जो मेरे सर जी हैं।
सुसाइड नोट में लिखी अंतिम इच्छा
जो मुझे पहली नजर में बहुत अच्छे लगे और उनके दिल में मेरे लिए बहुत ज्यादा इज्जत थी। लेकिन, वह शायद मुझे समझ नहीं सके और हमेशा उनके लिए गलत बना रहा। कभी उनके सामने सही नहीं बन सका। चेहरे, सिर, गर्दन और कान पर मुझे तेज से मारा करते थे। मुझे बहुत दर्द होता था। मेरी खोपड़ी फटती थी। मैं तो सब से दोस्ती करना चाहता था और करता भी था। मेरा विश्वास लड़ाई-झगड़ा, गाली गलौज में नहीं था। लेकिन, उन्होंने मुझे बहुत परेशान और विवश कर रखा था। मेरी मृत्यु का सबसे बड़ा कारण मेरे प्यारे मिस्टर राजेंद्र सिंह ठाकुर जी और सेंटर हेड नीरज पटेल हैं। वह सेंटर हेड हैं तो क्या कुछ भी करेंगे। मेरा निवेदन है कि प्लीज मेरे शरीर को चीरा-फाड़ा न जाए। यही मेरी अंतिम इच्छा है। बाकी आप लोगों की मर्जी।
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