India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में जमकर बवाल हुआ। नशे में धुत एयरफोर्सकर्मी पड़ोसी के घर में घुस गया। सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने आरोपी के फ्लैट का दरवाजा खुलवाया तो अंदर थाईलैंड की तीन युवतियां मिलीं। आरोपी एयरफोर्सकर्मी अपने दोस्त के किराये के फ्लैट में चार दिन से रह रहा था।
अलखनंदा एन्क्लेव अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 102 में मंगलवार सुबह नशे में धुत एक एयरफोर्स कर्मी गया और बेडरूम में जाकर लेट गया। फ्लैट मालिक और परिजनों ने उसे खदेड़ा तो उसने दोस्त के साथ फ्लैट मालिक से बुरा व्यवहार किया।सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मी जब एयरफोर्सकर्मी के दोस्त के किराये के फ्लैट में गए तो वहां पर थाईलैंड की तीन युवतियां भी मिलीं। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेते हुए एयरफोर्सकर्मी व उसके दोस्त पर एफआईआर दर्ज कर ली ।अपार्टमेंट के टॉवर-2 में विशालखंड गोमतीनगर निवासी अखिलेश सिंह का 104 नंबर फ्लैट है। मटियारी निवासी प्रदीप सिंह ने फ्लैट किराये पर ले रखा है। प्रदीप सीबीसीआईडी में संविदा पर लिपिक है। चार दिन से उन्नाव निवासी उसका दोस्त रितेश मिश्रा उसके यहां आया हुआ था।
रितेश एयरफोर्स में कारपोरल पद पर है। वह असम में तैनात है। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे रितेश शराब के नशे में धुत था। इसी दौरान वह आलोक जायसवाल के फ्लैट नंबर 102 में घुसा और बेडरूम में जाकर लेट गया। आलोक व उनके परिवारवालों ने उसे देखा तो सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी।
हंगामा होने पर प्रदीप भी पहुंच गया। दोनों पक्षों में विवाद हुआ। तभी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जब पुलिस प्रदीप के फ्लैट में गई तो वहां थाईलैंड की तीन युवतियां मिलीं। पुलिस ने आलोक की तहरीर पर रितेश व प्रदीप पर जबरन घर में घुसने व अभद्रता करने की धारा में मुकदमा दर्ज किया है।
सोसाइटी में रहने वालों ने सेक्स रैकेट का आरोप लगाया था। पुलिस की शुरुआती जांच में ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल ने जानकारी दी कि प्रदीप पिछले तीन महीने से थाईलैंड की एक युवती के साथ लिवइन में रह रहा था ।
वह एक स्पा सेंटर में काम करती है। करीब 25 दिन पहले थाईलैंड से दूसरी युवती आई थी, जो फ्लैट में पार्टनर के रूप में रह रही थी। तीसरी युवती सोमवार रात को ही आई थी, वह भी पार्टनर के तौर पर रहने आई थी।
तीन युवतियों में से एक का वीजा 12 सितंबर को एक्सपायर हो गया है। इसके बारे में एलआईयू जांच कर रही है। फॉरेन रिलेशन ऑफिसर को इसकी जानकारी दी गई है। वहां से जो निर्देश पुलिस को दिए जाएंगे, उसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सेक्स वर्कर की पहचान व उनकी फोटो या वीडियो वायरल नहीं किया जा सकता है। वहीं, अलखनंदा अपार्टमेंट प्रकरण में कई वीडियो वायरल हो गए। इसमें पुलिसकर्मी व कुछ और लोग वीडियो बनाते दिख रहे हैं। ये बेहद गंभीर मामला है। वहीं, ये मामला सेक्स रैकेट से संबंधित भी नहीं था। विदेशी युवतियों की पहचान भी उजागर कर दी गई।
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