India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: गोरक्षण के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले बरेली के अपर निदेशक एवं आगरा के पशुचिकित्साधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि ,प्रयागराज और लखनऊ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया, गोसंरक्षण कार्यों में लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। गोआश्रय स्थलों पर पर्याप्त व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए। नवीन गोशालाओं के निर्माण और निर्माणाधीन गोशालाओं के कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश एवं गोआश्रय स्थलों के प्रबंधन में लापरवाही बरतने के मामले में सख्त रूख अपनाते हुए बरेली के अपर निदेशक एवं अछनेरा आगरा के पशुचिकित्साधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और प्रयागराज व लखनऊ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लिये जाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी और ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। धनराशि की डिमांड प्राप्त होते ही 24 घंटे के अंदर धनराशि उपलब्ध कराई जाए और उसका समुचित सदुपयोग भी सुनिश्चित किया जाए। धनराशि के अभाव में किसी भी गोआश्रय स्थल में सुविधाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
श्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जहाँ आश्रय स्थलों के प्रबंधन हेतु कड़े दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक माह का विशेष अभियान चलाकर गोआश्रय स्थलों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए और सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में प्रत्येक गौशाला की व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण नोडल अधिकारी द्वारा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि नई गौशालाओं और निर्माणाधीन गौशालाओं का कार्य यथाशीघ्र पूरा किया जाए और वहां शेड, प्रकाश, जल, चारा-भूसा आदि व्यवस्थायें की जाए।
पशुधन मंत्री ने गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु चलाये जा रहे अभियान की रिपोर्ट 26 अगस्त तक माँगी है ,और जिन जनपदों द्वारा रिपोर्ट या सूचना नहीं दी जा रही है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री जी के निर्देशो के अनुरूप गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन सुनिश्चित किया जाना है। विभाग द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही है, जिसका लाभ अधिक से अधिक किसानों एवं पशुपालकों को पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
गोवंश नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम एवं बधियाकरण को विशेष बल दिया जाय। पशुधन मंत्री ने निर्देश दिया कि जहां कहीं से लम्पी रोग का एक भी प्रकरण संज्ञान में आये वहां त्वरित कार्यवाही की जाए और वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था भी की जाए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने पशुधन मंत्री को निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और व्यवस्थाओं के संबंध में अवगत कराया और कहा कि गोआश्रय स्थलों में गोवंश के भरण-पोषण की व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है और भूसा, हरा चारा, पेयजल, चोकर, प्रकाश, चिकित्सीय सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि गोआश्रय स्थलों की पर्याप्त मॉनीटरिंग की जायेगी और नियमित रूप से गोआश्रय स्थलों के लिए धनराशि आवंटित करते हुए साप्ताहिक एवं पाक्षिक समीक्षा की जायेगी। किसी भी व्यवस्था में कमी पाये जाने पर दोषी के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।