India News (इंडिया न्यूज) Arun Kumar Chaturvedi, Lucknow: राजधानी लखनऊ में संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के नियोनेटोलॉजी विभाग द्वारा “प्वाइंट ऑफ केयर नियोनेटल इकोकार्डियोग्राफी” पर केंद्रित एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया। 30 जुलाई रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई।
संस्थान के नियोनेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. कीर्ति नारंजे और डॉ. अनीता सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में आयोजित इस सी.एम.ई. का उद्देश्य पॉइंट-ऑफ-केयर इकोकार्डियोग्राफी के अनुप्रयोग के माध्यम से नवजात शिशुओं के हेमोडायनामिक प्रबंधन में क्रांति लाना था। नवजात मृत्यु दर को कम करने के अंतिम लक्ष्य के साथ, इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को अमूल्य कौशल और ज्ञान से युक्त करते हुए, नवजात कार्यात्मक कार्डियोलॉजी के महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित किया।
प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासोनोग्राफी में व्यापक अनुभव वाले प्रसिद्ध नियोनेटोलॉजिस्ट, प्रो. प्रदीप सूर्यवंशी, प्रोफेसर और प्रमुख, नियोनेटोलॉजी विभाग, बीवीयू मेड कॉलेज, पुणे एवं निदेशक, नियोनेटोलॉजी और बाल रोग विभाग, सह्याद्री अस्पताल, पुणे प्रतिष्ठित अतिथि संकाय के रूप में एवं सीएमई के लिए सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। उनकी गहन विशेषज्ञता और क्षेत्र में अग्रणी योगदान ने उनके ज्ञानवर्धक सत्रों से प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर.के धीमन मौजूद थे। ऐसी पहल के लिए उनकी उपस्थिति और अटूट समर्थन ने नवजात देखभाल को आगे बढ़ाने और चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
सीएमई में नवजात शिशु देखभाल के क्षेत्र में प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। जिन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि का योगदान दिया। केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) से डॉ. शालिनी त्रिपाठी और प्रोफेसर माला कुमार, कमांड अस्पताल से ब्रिगेडियर (डॉ.) वंदना नेगी, और लेफ्टिनेंट कर्नल (डॉ.)आशुतोष कुमार, लखनऊ नियोनेटोलॉजी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. निरंजन कुमार सिंह ने अपने उल्लेखनीय अनुभव और अकादमिक योगदान से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
आयोजन समिति में डॉ. आकांक्षा वर्मा, डॉ. अभिषेक पॉल और डॉ. अभिजीत रॉय के साथ-साथ रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम के निर्बाध निष्पादन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके समर्पण और सुनियोजित प्रयास ने यह सुनिश्चित किया कि सीएमई एक शानदार सफलता थी।
प्वाइंट ऑफ केयर नियोनेटल इकोकार्डियोग्राफी पर सीएमई एक मील का पत्थर कार्यक्रम साबित हुआ। जिसने प्रतिभागियों के बीच मजबूत बातचीत, ज्ञान के आदान-प्रदान और नेटवर्किंग के लिए एक मंच को बढ़ावा दिया। सीएमई से प्राप्त अंतर्दृष्टि निस्संदेह नवजात देखभाल को आगे बढ़ाने और कमजोर नवजात शिशुओं के लिए परिणामों में सुधार करने में योगदान देगी।
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