इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
आईटीवी नेटवर्क ने भारतीय समाचार टेलीविजन पर एक ऐतिहासिक सीरीज ‘मुख्यमंत्री मंच’ शुरू की है। अगले 20 दिन में ‘मुख्यमंत्री मंच’ प्रतिदिन देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ एक संवादात्मक साक्षात्कार (इंटरव्यू) प्रदर्शित करेगा। इसके तहत राज्य के लोगों को कैमरे और सोशल मीडिया के जरिए अपने मुख्यमंत्री से सवाल पूछने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री युवाओं, विशेषकर फर्स्ट इन क्लास प्लेटफॉर्म से तैयार किए गए छात्रों का मार्गदर्शन भी करेंगे। मुख्यमंत्री मंच के छठवें शो में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिरकत की।
कुछ इलाकों में जैविक खेती भी की जाती है। गेहूं के उत्पादन में हमने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। हमारे यहां अन्न के भंडार भरे पड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की मदद से कई कंपनियां मध्य प्रदेश के गेहूं को बाहर ले जा रहीं हैं। स्थिति यह है कि गेहूं ले जाने वाली मालगाड़ियों के रैक कम पड़ रहे हैं। आधा अमेरिका और कनाडा मध्य प्रदेश के बासमती चावल का सेवन करता है।
मध्य प्रदेश में अपने कामों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विभाग योजना, सम्बल योजना, सीएम राइज योजना शुरू की है। साथ ही मध्य प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में क्रांति हुई है। देश में अन्न के भंडार में अकेले मध्य प्रदेश भर रहा है। मध्य प्रदेश को एमपी वीट के नाम से जाना जाता है। एमपी में गेहूं उत्पादन के लिए केमिकल का कम से कम इस्तेमाल किया जाता है।
राज्य में हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में विरासत में हमें टूटी फूटी सड़कें मिलीं थीं। यही पता नहीं चल रहा था कि सड़कों में गड्डे हैं या गड्ढों में सड़क। आज मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमने मध्य प्रदेश की धरती पर शानदार सड़कों का निर्माण हुआ है। हमने तीन लाख किलोमीटर सड़कें बनाई हैं और गांव गांव को सड़कों से जोड़ दिया है।
राज्य की जनता को तीन से चार घंटे ही बिजली मिलती थी। बिजली का उत्पादन हम 22 हजार मेगावॉट तक कर रहे हैं। हम सोलर एनर्जी पर भी काम कर रहे हैं। पहले हमने थर्मल प्लांट लगाए फिर हमने हवा से बिजली का उत्पादन किया और अब सोलर की तरफ अपने कदम बढ़ाये। इसके अलावा हमने घरों का निर्माण किया। स्कूल, अस्पताल के नए भवनों का निर्माण करवाया गया है।
सरकार द्वारा चलाईं जा रहीं मुफ्त योजनाओं पर सीएम शिवराज ने कहा कि सरकार के लिए उसकी जनता एक सामान होती है। प्रदेश की आर्थिक परिस्थिति को देखते हुए हमें ज्यादा राजस्व लाने की कोशिश करनी चाहिए। मेरे मुख्यमंत्री पद संभालने से पहले प्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ का होता था।
आज 2 लाख 79 हजार करोड़ का बजट है। गरीब आदमी का भी संसाधन पर हक है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि संसाधनों को उसकी पहुंच के अंदर पहुचाएं या मुफ्त में दें। पीएम मोदी ने इसी सोच के साथ गरीब कल्याण योजना बनाई और निशुल्क रहन-सहन दे रहे हैं। इसे मुफ्त में बांटना नहीं, इसे सामाजिक न्याय कहते हैं।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के बारे में सीएम शिवराज ने बताया कि मध्य प्रदेश में लिंग अनुपात कम था। इस वजह से हमने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई। हमने बेटी को बोझ से वरदान बनाया। हर बेटी के नाम से 30 हजार के बचत पत्र जमा किए। इससे उसे पढ़ाई में मदद मिलेगी और 21 वर्ष की होने पर 1.18 लाख रुपये मिलेंगे। वर्ष 2013 में एक हजार बेटों पर 912 बेटियां पैदा होतीं थीं। वर्तमान में एक हजार बेटों पर 956 बेटियां पैदा होतीं हैं। मैं इस लिंगानुपात को सामान स्तर पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। कल ही हम लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 लॉन्च करने जा रहे हैं।
ग्लोबल वार्मिंग पर सीएम ने कहा कि हमें प्रकृति का शोषण नहीं दोहन करना चाहिए। धरती से उतना ही लो जितना भरपाई धरती अपने आप कर सके और पेड़ उतने ही काटो जितने लगा पाओ। अगर पर्यावरण में सुधार करना है तो व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करना होगा।
फॉरेस्ट कवर बढ़ाना होगा। यह काम भाषण देने से नहीं होगा। मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं, हो सकता है देश का युवा प्रेरित होकर इस काम को आगे बढ़ाए। मेरे रोजाना पौधरोपण करने से कई संस्थाएं हमारे साथ जुड़ीं हैं और अब बड़े पैमाने पर पेड़ लग रहे हैं। जब भी मैं कहीं बाहर जाता हूं तो लोगों को पता है कि मैं पौधे प्रिय व्यक्ति हूं। इसलिए वह पहले से पौधे तैयार करके रखते हैं।
सरकार ने अंकुर पोर्टल लॉन्च किया। इसके अंतर्गत हमने कहा कि रोज न सही अपने जन्मदिन के अवसर पर एक पौधे लगाएं और अपनी फोटो पोर्टल पर अपलोड कर दें। आप कई मौकों पर पौधरोपण कर सकते हैं जैसे मैरिज एनिवर्सरी, बेटे या बेटी के जन्मदिन, माता-पिता की स्मृति पर या किसी भी खास मौके पर पौधे लगा सकते हैं। पिछले एक साल में लगभग 20 लाख लोग पौधे लगा चुके हैं।
केंद्र की सरकार के साथ समन्वय पर सीएम ने कहा कि केंद्र के पास जो भी रेवेन्यू आता है, उसमे से 42 प्रतिशत राज्य को मिलता है। पहले यह 32 प्रतिशत था केंद्र जो भी इकठ्ठा करता है, उसमें से बड़ा हिस्सा राज्य को पहले ही दें देता है। राज्य का रेवेन्यू राज्य के पास ही रहता है। उसके अलावा कुछ रेवेन्यू केंद्र की तरफ से आता है। जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना में 60 प्रतिशत केंद्र देगा और 40 प्रतिशत राज्य देगा।
कुछ लोगों के पास कोई काम नहीं होता तो वो आरोप लगाने लगते हैं कि केंद्र हमारे साथ भेदभाव कर रहा है। पीएम मोदी उन राज्यों में भी बिना किसी भेदभाव के काम करते हैं जहां भाजपा की सरकार नहीं है।
खरगोन में हुई हिंसा पर दिग्विजय सिंह के दिए बयान पर सीएम ने कहा कि दिग्विजय सिंह का या तो मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। या फिर वो अपनी छपास की भूख मिटाने के लिए इस तरह के बयान देते हैं। कानून व्यवस्था के साथ किसी ने खिलवाड़ किया है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हुई है। मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से में डकैतों का आतंक था।
चंबल के बीहड़ों में कई खूंखार डाकू रहते थे। पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के साथ ही हमने तय किया कि मध्य प्रदेश में या तो डाकू रहेगा या शिवराज सिंह चौहान। दोनों एक साथ नहीं रह सकते। इसके बाद चंबल के सारे डाकू या तो मारे गए या फिर सरेंडर कर चुके हैं। उसके बाद से आज तक एक भी नया गिरोह मध्य प्रदेश में पनपा नहीं है। हमने सिमी के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया है।
दिग्विजय सिंह की सरकार में तब तत्कालीन मंत्री लिखीराम कावरे की गर्दन काट कर नक्सली ले गए थे। हमने नक्सलवाद को पूरी तरह ध्वस्त करने का काम किया है। बुलडोजर तो आज नहीं दो साल पहले ही शुरू किया है। अगर किसी ने खाने में मिलावट करने की कोशिश की तो उसकी फैक्ट्री को जमींदोज किया। किसी ने बहन बेटी के साथ दुराचार हुआ तो हमने आरोपी को पूरी तरह से तबाह करके रख दिया। उसे आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया। अगर कोई गलत काम करेगा तो हमने सख्त कार्रवाई की है। एमपी में वर्तमान समय में शांति है। गुंडों की अवैध संपत्ति को हमने तोड़ा है।
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