India News (इंडिया न्यूज़), Mahoba News: महोबा में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए छात्र-छात्राएं मजबूर हैं। हादसे के साए में पानी चढ़े रपटा से निकल रहे नौनिहाल अनहोनी के ख़ौफ़ से भी डरे रहते हैं। गांव में प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे पढ़ने शिक्षा की कोई व्यवस्था न होने के चलते मजबूरन गांव से बाहर जाना पड़ता है। रास्ते में पड़ने वाला चैकडेम उनके लिए परेशानी का कारण बना है। लेकिन मजबूरन स्कूली बच्चे अपने भविष्य की चिंता में ज़िंदगी-मौत हाथ मे लेकर निकल रहे है।
दरअसल आपको बता दें कि जनपद के कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत आने वाले खैरारी गांव का यह मामला है। जहां बारिश के दिनों गांव का चेकडैम पानी से लबालब हो जाता है और इस चेकडैम से होकर ही स्कूली बच्चे पढ़ने के लिए अन्य गांव जाते हैं। जान जोखिम में डालकर रोजाना निकलने वाले नौनिहालों के लिए गांव में प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नही है।
महोबा में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जगह-जगह जल भराव और पानी से लबालब चेकडैम का रपटा स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के लिए मुसीबत का कारण बने हैं। इसी बारिश के चलते कुलपहाड़ तहसील के खैरारी गांव का चेकडैम पानी से लबालब हो गया जबकि इसी रास्ते से रोजाना बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे पढ़ने के लिए निकलते हैं। जिनके लिए स्कूल जाना अपनी जिंदगी को खतरे में डालना है। गांव से स्कूल जा रही छात्रा सिमी, शिवानी और छात्र राघवेंद्र यादव बताते हैं कि उन्हें रोजाना स्कूल बैग लेकर इसी पानी से भरे चेकडैम से गुजरना पड़ता है। जान हथेली में लेकर शिक्षा ग्रहण करने जा रहे नौनिहालों के चेहरे पर डर साफ दिखाई पड़ता है।
रपटा में पानी के तेज बहाव के बावजूद भी यह स्कूली बच्चे यहां से निकलने के लिए मजबूर हैं। यह बताते हैं कि गांव से तकरीबन 70 बच्चे रोजाना आगे की पढ़ाई के लिए जान जोखिम में डालकर निकलते हैं। बताया जाता है कि गांव के मुख्य मार्ग की लंबी दूरी और दुर्लभ रास्ता के चलते जल्दी स्कूल जाने के लिए बच्चे इसी चेकडैम से होकर निकल रहे है। समय से स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को इस खतरे से दो-चार होना पड़ता है। तकरीबन 200 मीटर लंबे इस चेकडैम से स्कूली बच्चे 10 से 15 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए जाते है।
खैरारी गांव के ग्रामीणों द्वारा कई बार इस समस्या से जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया लेकिन इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा ऐसे में बच्चों के भविष्य को लेकर खतरों से खेल रहे ग्रामीण अनहोनी के डर से भी चिंतित हैं। बारिश के दिनों या समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। स्कूली बैग और साइकिल से गुजरने वाले स्कूली बच्चों को बामुश्किल को पार कर पढ़ने जा पाते है। ऐसा कतई नही है कि इस समस्या से जिम्मेदार अधिकारी अंजान है मगर इस समस्या पर कोई भी ध्यान नही दें रहा जिससे ग्रामीणों में भी नाराजगी है।