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इंडिया न्यूज, मैनपुरी (Uttar Pradesh) । मैनपुरी में 5 दिसंबर को चुनाव होने हैं। भाजपा और सपा ने इस सीट को जीतने के लिए ताकत झोंक रखी है। शनिवार को प्रचार करने के लिए मैनपुरी पहुंचे शिवपाल सिंह यादव का पुराना दर्द फिर जुबां पर आ गया। शिवपाल ने कहा कि 2017 के चुनाव में अखिलेश हमारा फायदा नहीं उठा पाए। फिर 2019 के चुनाव में भी अखिलेश ने वही गलती की। 2022 में अखिलेश यादव मुझे जिम्मेदारी देते हुए वे सीएम होते।
शिवपाल ने कहा कि छह महीने पहले मुझे मैनपुरी चुनाव की जिम्मेदारी मिलती तो परिणाम और होते। 10 से 15 हजार वोट हर विधानसभा में बढ़ते। बसपा ने अपना प्रत्याशी यहां नहीं उतारा है। बसपा का वोट डिंपल यादव को मिलेगा। डिंपल हमारी बहू है। मैनपुरी से भाजपा को हटाने की शुरुआत होगी।
टेस्ट कराने लखनऊ गए, कर लिया भाजपा जॉइन
करहल विधान सभा के बरनाहल में चुनाव प्रचार के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नेताजी की बहू ही चुनाव लड़ रही हैं। अखिलेश की पत्नी हैं, हमारी भी बहू हैं। आप ही लोग जितांएंगे। अभी 6 महीने पहले मुझे ही जिताया और 92 हजार से जिताया, ये कम नहीं है।
इसके बाद शिवपाल ने रघुराज सिंह शाक्य को लेकर कहा, “अबकी बार तो बहू के खिलाफ रघुराज सिंह लड़ रहा है। शिष्य बताते हैं। शिष्य हैं तो बहू के खिलाफ लड़ना ही नहीं चाहिए था। पहले तो अगर शिष्य थे तो हमारा साथ ही नहीं छोड़ना चाहिए था। वो भी बिना बताए। शिष्य थे तो हमें बताकर जाना चाहिए था कि हम जा रहे हैं। चुपचाप चले गए। हमने टेलीफोन किया कहां हो? तो कह रहे थे हम टेस्ट करा रहे हैं। इलाज करा रहे हैं। हमने कहा कि लखनऊ में लोहिया अस्पताल में हमारा परिचित डॉक्टर है, हम कह दे रहे हैं। मैंने टेलीफोन भी किया। पता लगा ये वहां पर नहीं गए और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली। तो अगर शिष्य होते तो छोड़कर भी नहीं जाना चाहिए था। हम कहते हैं कि शिष्य नहीं हो तुम तो चेला भी नहीं हो।”
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