इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Mauni Amavasya माघ मास के कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या पर मंगलवार को श्रद्धालुओं ने मौन रहकर स्नान दान किया। गोमती किनारे कुड़िया घाट पर श्रद्धालु पितरों को तर्पण पूजन करते नजर आए। सूर्योदय से सुबह 11:16 बजे तक रही अमावस्या के चलते लोगों ने किया दान पुण्य। भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा करके लोगों ने समृद्धि की कामना की।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं ने तिल, तिल के तेल , आंवला व कम्बल का दान किया। कुंडली में पिृत वालों ने पितरों का तर्पण कर दान-दक्षिणा दी और पितृ दोष से मुक्ति की विष्णु भगवान से प्रार्थना की। माघ माह की अमावस्या को स्नान का विशेष महत्व है। माघ अमावस्या के दिन संगम तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और कटु शब्दों को न बोलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है।
तिल, तिल का तेल , आंवला , कंबल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए। जिनकी कुंडली में पितृ दोष है उनको पितरों को तर्पण कर दान करना चाहिए। ऐसे करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में है और चार ग्रह omg सूर्य, बुध, चंद्र व शनि मकर राशि में महासंयोग बना रहे हैं। मान्यता है कि इस शुभ संयोग महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।