India News UP (इंडिया न्यूज),Meerut: अनुपालन हलफनामा को दाखिल करने के सीमित उद्देश्य के लिए मामले को 22 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश न्यायालय ने दिया था। इंस्पेक्टर महेश राठौर ने बताया कि विधायक रफीक अंसारी के घर ढवाई नगर में लगातार दबिश जा रही थी, लेकिन उन्हें नहीं मिला। नौचंदी पुलिस को उनकी खोज के लिए काफी समय से मेहनत कर रही थी।
गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के जारी होने के बाद, इलाहाबाद हाई कोर्ट से सपा विधायक रफीक अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें मेरठ की ओर ले जाने के लिए कार में बिठाया गया है। मेरठ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने आइपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक केस में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी थी।
मुकदमे के तथ्यों के अनुसार, सितंबर 1995 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें 35-40 अज्ञात व्यक्तियों को नाम दर्ज किया गया था। जांच पूरी होने के बाद, पहला आरोप पत्र उन 22 आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत किया गया था।
उसके बाद, याची के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिस पर संबंधित अदालत ने अगस्त 1997 में संज्ञान लिया था। रफीक अदालत में पेश नहीं हुए थे, इसलिए 12 दिसंबर, 1997 को गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। कुर्की की प्रक्रिया के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुए थे।
वारंट नंबर 101 के तहत गैर-जमानती वारंट एवं धारा 82 सीआरपीसी के अंतर्गत छानबीन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने अदालत में स्थिति नहीं दिखाई और अपील स्थानीय अदालत की निर्देशिका के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल कर दी।
अनुपालन हलफनामा दाखिल करने के सीमित उद्देश्य के लिए मामले को 22 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश किया गया था। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि विधायक रफीक अंसारी ने गैर-जमानती वारंट को रिकाल नहीं किया है और इसलिए पुलिस ने उन्हें बाराबंकी से गिरफ्तार कर लिया है।