India News (इंडिया न्यूज़), Akash Dubey, Mirzapur News: भ्रष्टाचार का अड्डा बना स्वास्थ्य महकमा, गरीबों के इलाज के नाम पर मिलने वाले बजट को कागजों पर किए खर्च। आरटीआई से हुआ खुलासा ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ के संचालन हेतु प्राप्त कराए गए बजट में से सामान के क्रय के लिए 2.38 करोड़ डकारे।
वैलनेस सेंटर में मोल्डेड चेयर, स्टील की अलमारी, रिवाल्विंग चेयर, ऑफिस टेबल, थर्मामीटर, आईबी स्टैंड, स्टेथोस्कोप, वजन मशीन, फुट स्टेप, हॉस्पिटल बेड, मैट्रेस, बेडशीट, डिलीवरी टेबल आदि की खरीद की गई जबकि सीएमएसडी स्टोर द्वारा सामान की कोई खरीद हुई ही नहीं। इस घोटाले के बारे में सीएमओ ने कहा कि आपके द्वारा मेरे संज्ञान मिलाया गया मैं इसकी जांच कराऊंगा।
प्रदेश सरकार आम आदमी की जरूरत से लेकर उसके स्वास्थ्य संबंधी जरूरत को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है पर उनके इस प्रयास को भ्रष्टाचार में डूबे कर्मचारी और अधिकारी उन तक पहुंचने नहीं दे रहे है। मिर्जापुर स्वास्थ्य महकमे में करोड़ों रुपए के सामान कागजों पर खरीद कर रुपए का बंदरबांट करने का मामला आरटीआई से सामने आया है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को स्वास्थ्य की सुविधा देने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस को बेहतर बनाकर संचालन करने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए भेजे गए थे पर इन रुपयों से कागजों पर ही मेडिकल के उपकरण और अन्य सामान खरीद लिए गए।
जेम पोर्टल के माध्यम से मेसर्स काशी फार्मास्यूटिकल्स, चितईपुर, वाराणसी और मेसर्स युपिका, शक्ति नगर सोनभद्र द्वारा 2 करोड़ 38 लाख रुपए के सामान की आपूर्ति की गई पर यह सामान कागजों तक ही सीमित होकर रहा गया किसी भी केंद्र पर नहीं पहुंचा। आरटीआई से इस भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले अतुल कुमार पाठक ने बताया कि वर्ष 2021-22 में सरकार द्वारा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के संचालन हेतु 10 करोड़ रूपया भेजा गया था जिसमें फर्जी तरीके से सामानों को खरीद दिखाते हुए धन का बंदर बांट किया गया
आरटीआई से मांगी गई सूचना पर विवाद दौड़ता रहा राज्य सूचना आयोग के निर्देश पर जहां बीते मार्च 2023 में सीएमएसडी स्टोर द्वारा सामानों की खरीद दिखाई गई वहीं अगस्त 2023 में या लिखित रूप में दिया गया कि ऐसी कोई भी खरीद सीएमएसएड स्टोर से नहीं किया गया है। जिससे साफ होता है कि स्वास्थ्य महकमे में भ्रष्टाचार व्याप्त है, सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है। अतुल पाठक का कहना है कि इस खरीद में शामिल अमित सिंह, कनिष्ठ सहायक, सीएमओ कार्यालय और जगदीश चंद्र लेखा प्रबंधक के साथ अधिकारी हैं।
अतुल पाठक का यह भी आरोप है कि कनिष्क अमित सिंह के ऊपर इसके पहले भी एक करोड रुपए से अधिक सरकारी धन के डकार जाने का आरोप लगा था जिसकी जांच चल रही है अमित सिंह को इसके बावजूद एनएचएम जैसे महत्वपूर्ण विभाग का लिपिक बनाया गया है । यह भी कहना है कि यह तो एक बानगी भर कई और आरटीआई लगी है जिसका जवाब सही-सही पाने के लिए मेरे जैसे कई लोग परेशान हैं और भ्रष्टाचार में डूबे बाबू उनको सही जानकारी न देकर कार्यालय का चक्कर लगवा रहे हैं –
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 220 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित हो रहे है। जब इस संबंध में बात किया गया तो कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी मेरे संज्ञान में आपके द्वारा लाई जा रही है इसकी मैं जांच कराऊंगा यह भी कहा कि या घोटाला मेरे कार्यकाल का नहीं है मेरे पहले के अधिकारियों ने क्या किया मुझे नहीं पता।
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