इंडिया न्यूज, लखनऊ:
MP Varun Gandhi Tweet पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार से सवाल किया है कि उसकी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रोन के प्रसार को रोकना है या फिर अथवा चुनावी शक्ति परीक्षण करना। सोमवार को सांसद ने ट्विटर पर लिखा कि रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना, यह सामान्य जनमानस की समझ से परे हैं।
सांसद पिछले कुछ समय से सरकार को असहज करने वाले सवाल लगातार उठाते रहे हैं। उन्होंने कृषि कानूनों के मुद्दे पर लगातार आंदोलित किसानों के प्रति हमदर्दी दिखाने के साथ ही तीनों नए कानून वापस लेने, आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को शहीद बताते हुए उनके आश्रितों को एक एक करोड़ रुपये की सहायता दिए जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून बनाने की बात कही थी।
खीरी हिंसा पर भी वह सरकार को असहज करने वाले सवाल करते रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने हिंसा में मारे गए लोगों को एक एक करोड़ की सहायता तथा सरकारी नौकरी दिए जाने की भी मांग की थी। धान खरीद व्यवस्था में अनियमितताओं पर भी वह काफी मुखर रहे हैं।
यूपी टीईटी व लखनऊ में बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, कानपुर के एक थाना क्षेत्र में बच्चे को गोद लिए युवक को बेरहमी से पीटती पुलिस का वीडियो ट्वीटर पर अपलोड करके कानून व्यवस्था पर वह सवाल खड़े कर चुके हैं।
अब अपने ताजा ट्वीट में सांसद वरुण गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति परीक्षण।
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