Mulayam Singh Yadav
इंडिया न्यूज, सैफई (Uttar Pradesh) ।
मुलायम सिंह के ऊपर अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने का दाग लगा, जो उनकी मृत्यु के बाद भी धुल नहीं सका है। एक वर्ग है जो उनके उस फैसले को लेकर आज भी विरोध कर रहा है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उनमें संतों के प्रति गहरी आस्था थी। वे गंगा और हनुमान भक्त थे। उनके एक फैसले से इसे बखूबी समझा जा सकता है। बात 2007 के अद्धकुंभ की है। मुलायम सिंह यादव ने तब अखाड़ों के लिए बिजली-पानी मुफ्त कर दिया था। उनकी यह व्यवस्था आज तक चली आ रही है। उन्होंने अद्धकुंभ के लिए 250 करोड़ रुपए के बजट को मंजूर किया था। साथ ही 7 करोड़ रुपए अखाड़ों को भी दिए थे।
2007 में यूपी की सत्ता मुलायम सिंह के हाथों में थी। प्रयागराज में अर्द्धकुंभ लगा तो मुलायम सिंह यादव संगमनगरी के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने गंगा स्नान किया और सेक्टर 4 में अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मुलाकात की। उस दौर में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास थे। जबकि महामंत्री हरि गिरि थे। मुलायम सिंह ने बजट दिया। इस तरह मेले में आधुनिक व्यवस्थाएं की गईं और पहली बार मेले के बजट से शहर की सड़कों की मरम्मत हुई। शहर की ऐतिहासिक इमारतों को लाइटों से सजाया गया।
महंत हरिगिरि का कहना है कि कुम्भ मेलों में उनका हमेशा आना जाना रहता था। 1989 के प्रयागराज के कुम्भ में भी मुलायम सिंह यादव प्रयागराज आए थे और गंगा स्नान किया था। परिषद के महामंत्री व जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरिगिरि ने कहा कि मुलायम गंगा मइया को देखते ही एकदम बच्चे बन जाते थे। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का बाघम्बरी मठ से गहरा नाता रहा।
अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से उनके करीबी रिश्तों के बारे में सभी जानते हैं। बाघम्बरी मठ में उनका आना जाना लगा रहता था। कई सभाओं और धार्मिक आयोजनों में वह आते रहे और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से मिलते रहे। बाघम्बरी पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरि का कहना है कि उनका जाना एक बड़ी क्षति है। जो शायद कभी पूरी नहीं हो सकेगी। अखाड़ा परिषद मंगलवार को नासिक में शोक सभा करेगा।
मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। मुलायम सिंह का आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। नेता जी 82 साल के थे।
पैतृक गांव सैफई में दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। बता दें कि उनके निधन के बाद सोमवार को यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
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