India News (इंडिया न्यूज), New Parliament Building: 28 मई को नई संसद भवन बिल्डिंग (New Parliament Building) का उद्घाटन होना है। इससे पहले देश में इसको लेकर राजनीति तेज है। देश के कई विपक्षी दलों ने इस बात का विरोध किया है कि पीएम (PM Modi) नई संसद भवन का उद्घाटन क्यों कर रहे है। वहीं देश के 24 राजनीतिक दलों ने समर्थन भी किया है।
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मांग की थी कि पीएम मोदी के स्थान पर देश का राष्ट्रपति द्रौप्दी मुर्मू नई संसद भवन की बिल्डिंग का उद्घाटन करें। कांग्रेस की इस मांग को कई विपक्षी दलों ने सही माना है। जिसके बाद अब इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है।
उधर उत्तर प्रदेश में भी इस मामले पर सियासत तेज है। इन सब के बीच अब संसद भवन से इतर सेंगोल पर राजनीति गरमाते नजर आ रही है। दरअसल नए संसद भवन में पीएम मोदी 28 मई को सेंगोल रखेंगे। अब इसपर तमाम विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी सरकार पर निशाना था अब इसके बाद सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
सपा के राष्ट्री महा सचिव ने ट्वीट करते हुए कहा कि “सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। आज देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिये खतरे की घंटी है।”
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सेंगोल को लेकर सरकार पर निशाना सााधा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि “सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।” उल्लेखनीय है कि इससे पहले अखिलेश यादव ने नई संसद भवन के पीएम द्वारा उद्घाटन पर विरोध किया था, साथ ही संस्कृत के श्लोक के साथ हमला बोला था।
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