Nikay Chunav : उत्तर प्रदेश में स्थानीय नगर निकाय चुनाव होना सुनिश्चित किया गया है। जिसको लेकर सभी पार्टिया अपना – अपना देव पेच देना देना शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश में स्थानीय नगर निकाय चुनाव होना सुनिश्चित किया गया है। जिसको लेकर सभी पार्टिया अपना – अपना देव पेच देना देना शुरू कर दी है। इस बार का यूपी नगर निकाय चुनाव काफी रोचक होने वाला है।
शाहजहांपुर (Shahjahanpur) नगर निगम चुनाव में इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के करीबी बीजेपी (BJP) के तीन मंत्रियों की साख दांव पर है।
जिसमे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Kumar Khanna), पीडब्ल्यूडी (PWD) मिनिस्टर जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) और सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर (JPS Rathore) शामिल है।
बता दे, इस साल शाहजहांपुर में पहली बार मेयर और पार्षद पद के लिए चुनाव होना है। बीते चार बार से लगातार शाहजहांपुर नगर पालिका परिषद में सपा का कब्जा रहा है।
बीजेपी और मोदी लहार में भी यहां 2017 में सपा की जहांआरा ही नगर पालिका अध्यक्ष बनी थी। हालांकि चुनाव के 5 महीने के बाद ही नगर निगम का गठन होने से पालिका बोर्ड को भंग कर दिया गया था। लेकिन उससे पहले तीन बार सपा नेता तनवीर खान यहां नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं।
इस साल शाहजहांपुर में मेयर का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। फ़िलहाल सपा और बीजेपी के पास अभी तक मेयर पद के लिए ओबीसी का कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं आया है।दूसरी तरफ शाहजहांपुर नगर निगम चुनाव में करीब 3.26 लाख मतदाता इस बार वोट डालेंगे।
जिसमे एक लाख मतदाता मुस्लिम वर्ग से हैं। दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक 70000 से अधिक अनुसूचित जाति का है। इसके बाद तीसरे नंबर पर 7000 के आसपास वैश्य मतदाता हैं।
शाहजहांपुर नगर निगम में ब्राह्मण, ठाकुर, यादव और लोधी समाज के मतदाताओं की संख्या 10 से 25 हजार के बीच है। शाहजहांपुर में परंपरागत वोट बैंक के लिए सपा और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होने कि उमीद्द हैं।
इस बार शाहजहांपुर नगर निगम में वार्डों की संख्या भी बढ़कर 60 हो गई है। शाहजहांपुर में बीजेपी के लिए मेयर सीट पर जीत हासिल करने के साथ ही वार्डों के चुनाव में भी बहुमत हासिल करना बड़ी चुनौती होने वाली है।
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