India News (इंडिया न्यूज़),Noida News: दिल्ली के अतिरिक्त नोएडा और गाजियाबाद के भी निचले इलाके भी हिंडन की बाढ़ से जूझ रहे हैं। जिसके चलते गाजियाबाद के मोहन नगर के पास स्थित करहैड़ा गांव में पानी घुस गया। ग्रेटर नोएडा के इलाकों में भी पानी है।यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
दिल्ली में राजघाट, कश्मीरी गेट और आईटीओ जैसे इलाकों में भले ही यमुना का पानी निकल गया है, परंतु आफत अभी खत्म नहीं हुई है। पूरे साल मंद रफ्तार से बहने वाली यमुना नदी इन दिनों काफी उफनाई हुई है और फिर से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जिस वजह से लोहा पुल को रविवार रात 10 बजे बंद करने का ऐलान किया। यमुना नदी में खतरे का निशान समुद्र तल से 205.33 मीटर माना गया है। अब जलस्तर 206.56 मीटर है। रविवार शाम के समय दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में बारिश होने की वजह से हालात बदल गए हैं, जिस वजह से यमुना का पानी फिर से बढ़ गया।
रविवार के दिन प्रशासन ने यमुना के पास के इलाकों में लोगों को ना की सलाह दी और इसके अतिरिक्त ऐसे लोग जो अभी भी अपना छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। उन लोगों से वहां से निकलने के लिए अपील की है। दिल्ली और शाहदरा को जोड़ने वाले पुराने पुल को बंद करने के साथ ही कई सावधानियां बरती गई हैं। इस बीच दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के भी निचले इलाके हिंडन की बाढ़ से जूझ रहे हैं। हिंडन भी यमुना की सहायक नदी है, और यह सहारनपुर के नजदीक शिवालिक रेंज में शाकंभरी से निकलती है। जिसके चलते इस नदी में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। जिस वजह से गाजियाबाद के मोहन नगर के पास स्थित करहैड़ा में पानी भर गया है।
यहां से सैकड़ों परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। और इसके आगे जाकर अकबरपुर बहरामपुर, कनावनी, चोटपुर और ग्रेटर नोएडा के भी निचले इलाकों में पानी घुस गया है। नोएडा का प्रशासन भी मुस्तैद है और लोगों को निचले इलाकों से निकलने के लिए अपील की है। गाजियाबाद और एडा के करीब भारी संख्या में अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं, जो हिंडन नदी की तलहटी पर बसाई गई हैं। ऐसे में वहां अधिकतर बाढ़ आने पर संकट पैदा हो जाता है। हिंडन और यमुना नदी के अलावा गंगा में भी जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते निचले इलाकों में परेशानी बढ़ गई है।
गंगा और यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से यूपी के 13 जिले प्रभावित हुए हैं। बीते 24 घंटों में भारी बारिश के चलते 4 लोगों की मौत भी हो गई। अलीगढ़, बदायूं, बिजनौर, फर्रूखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, कासगंज, नोएडा, सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली जिलों के 331 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 25 हजार लोगों के बचाव के लिए 61 शेल्टर बनाए गए है। रिलीफ कमिश्नर के मुताबिक 4 लोगों की मौत भी हुई है, जिनमें एक व्यक्ति की मौत सांप काटने से हुई है। इसके अतिरिक्त तीन लोगों की बाढ़ की वजह से मौत हो गई। मुताबिक बदायूं और फतेहगढ़ में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।