इंडिया न्यूज आगरा:
Omicron threat in UP कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर डरा देने वाली थी। उससे सबक लिए जाने की जरूरत है। साल मार्च में आगरा में ही देश का पहला कोरोना वायरस रिपोर्ट हुआ था। अब जब दुनिया के कई देश ओमिक्रोन से घिर चुके हैं, यहां लापरवाही अब भी जारी है।
प्रशासन रोजाना चार से पांच हजार कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी जांचों को किए जाने का दावा करता है। आगरा में तमाम पर्यटकों में कई तो उन देशों से हैं, जो देश ओमिक्रोन को लेकर अतिसंवेदनशील श्रेणी में हैं। यदि प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो यूपी में आगरा के रास्ते ही ओमिक्रोन दाखिल होगा।
ओमिक्रोन से इस समय दुनिया के कई देश जूझ रहे हैं। खासतौर पर यूके में तो यह बुरी तरह फैल चुका है। तीन मार्च 2020 में आगरा में कोरोना वायरस का पहला केस रिपोर्ट हुआ था, जब इटली से घूमकर लौटा आगरा का एक परिवार संक्रमित पाया गया था। सरकारी रिपोर्ट की ही अगर बात करें तो तब से लेकर अब तक आगरा में कुल 25771 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
स्वास्थ विभाग के मुताबिक एक से 10 दिसंबर तक आगरा अलग अलग माध्यमों से 464 अंतरराष्ट्रीय यात्री आए हैं। इसमें से 19 विदेशियों की ही जांच हुई है। जबकि 114 ऐसे यात्री इनमें शामिल हैं, जो ओमिक्रोन को लेकर अति संवेदनशील घोषित किए जा चुके देशों से ताल्लुक रखते हैं।
सीएमओ डा. अरुण कुमार श्रीवास्तव का इस संबंध में कहना है कि 350 यात्री उन देशों से आए हैं, जहां ओमिक्रोन नहीं फैला है। उन्होंने कहा कि देश में आगमन पर एयरपोर्ट पर पर्यटकों की पहली जांच हो रही है। नियमानुसार आठ दिन बाद उनकी दूसरी जांच होनी चाहिए। जबकि आगरा आने वाले पर्यटक यहां होटल में एक या दो दिन ही ठहरते हैं। इसके चलते उनकी यहां दुबारा सैंपलिंग नहीं हो पा रही है।