इंडिया न्यूज, लखनऊ।
Preparation to Start Cow Sanctuary Scheme : छुट्टा पशुओं से किसानों की मुश्किलों को देखते हुए योगी सरकार इसके स्थायी समाधान के लिए ‘गो अभयारण्य योजना’ शुरू करने की तैयारी कर रही है। शुरुआत में 200 विधानसभा क्षेत्रों में गौशालाएं बनाने की योजना है। प्रत्येक गौशाला की क्षमता 5 हजार या इससे अधिक गोवंश की है। (Preparation to Start Cow Sanctuary Scheme)
ये बड़ी गौशालाएं सरकारी खाली जमीन, बंजर जमीन व चारागाह पर विकसित की जाएंगी। अगर ऐसी भूमि पर अवैध कब्जे हैं तो उन्हें हटाया जाएगा। पशुधन, दुग्ध विकास व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि छुट्टा पशु किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। इस समस्या के स्थायी समाधान की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस पर तेजी से अमल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंवला में मॉडल गौशाला विकसित की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि गौशाला में प्राकृतिक वातावरण होगा। मनरेगा, पंचायतीराज, वन व पेयजल विभाग के सहयोग से यहां चारा, पानी, चहारदीवारी, शेड, पशुओं के इलाज व मानव संसाधन सहित सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सभी तरह के गोवंश साथ-साथ रखे जाएंगे। (Preparation to Start Cow Sanctuary Scheme)
गायों के दुग्ध व दुग्ध सह उत्पाद से गौशाला की आय बढ़ेगी। दूध से लेकर गोबर व गोमूत्र तक का उपयोग किया जाएगा। मंत्री के अनुसार छुट्टा पशुओं के संरक्षण से संबंधित नई योजना से आमजन को जोड़ने का प्रयास होगा। उन्होंने बताया कि कई बड़ी कंपनियां गोबर की खरीद कर व्यावसायिक उपयोग कर रही हैं। सरकार इन गौशालाओं में गोवंश के गोबर का व्यावसायिक उपयोग सुनिश्चित करेगी।
दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुर्रा भैंसों के पालन को प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुर्रा भैंस अधिक दूध देती हैं। इसके लिए मुर्रा भैंसे के सीमेन की कीमत घटाने पर विचार हो रहा है। मंत्री धर्मपाल ने बताया कि मुर्रा भैंसे का सीमेन बहुत महंगा है। (Preparation to Start Cow Sanctuary Scheme)
इसकी वजह से इसका उपयोग बहुत कम हो रहा है। इसके सीमेन को सस्ता कर 100 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा। इसी तरह धारपारकर व साहीवाल गाय के पालन को प्रोत्साहन देने की योजना है। शासन के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र की पीएम गोवर्धन योजना को ब्लॉक स्तर पर लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत गोबर आधारित तकनीक का उपयोग करते हुए बायो फर्टिलाइजर व कुकिंग गैस तैयार कर विपणन व गौशालाओं में विद्युत आपूर्ति के मॉडल पर काम होगा।
(Preparation to Start Cow Sanctuary Scheme)